कंप्यूटर वायरस एक प्रकार का मैलवेयर होता है, जिसे कंप्यूटर विषाणु भी कहा जाता है, ये एक प्रोग्राम फाइल होती है, जो कंप्यूटर प्रणाली को नुकसान पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किये जाते है। ज्यादातर वाइरस यूजर्स के जाने बिना ही उसके कंप्यूटर में प्रवेश कर जाते हैं और उसके सिस्टम को नुकसान पहुंचाते रहते है।
कंप्यूटर वायरस अपनी खुद की अलग अलग कॉपी बना लेते है और आपके कंप्यूटर सिस्टम को नुकसान पहुंचाते रहते हैं। ये वायरस आपके कंप्यूटर सिस्टम को विभिन्न प्रकार के नुकसान पहुंचा सकते है, जैसे की:
- फ़ाइलों को डिलीट करना: वायरस डेटा फ़ाइलों, प्रोग्राम फ़ाइलों, और यहां तक कि ऑपरेटिंग सिस्टम फ़ाइलों को भी डिलीट कर देते हैं।
- सिस्टम को धीमा करना: वायरस अपनी अलग-अलग कॉफी बना लेते हैं और आपके सिस्टम को एक संसाधन के रूप में उपयोग करते हैं जिससे आपका सिस्टम धीमा हो जाता है।
- पर्सनल जानकारी को चुराना: कुछ वायरस पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर और अन्य पर्सनल जानकारी को चुरा कर हैकर को भेज देते हैं।
- स्पैम और अन्य मैलीशियस एक्टिविटीज करना: वायरस आपके कंप्यूटर का उपयोग स्पैम ईमेल भेजने या फिर दूसरे कंप्यूटरों पर हमला करने के लिए उपयोग कर सकता है।
कंप्यूटर वायरस कितने प्रकार के होते हैं?
कंप्यूटर वायरस कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से कुछ मुख्य प्रकार के वायरस निम्नलिखित हैं:
1. बूट सिस्टम वायरस: यह वायरस आपके कंप्यूटर के बूट सिस्टम मे मौजूद होता है जो आपके कंप्यूटर के बूट सिस्टम को संक्रमित करता है, जो बूट सिस्टम आपके कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम को लोड करता है। जब आपका कंप्यूटर चालू होता हैं, तब यह वायरस आपके सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है।
2. फ़ाइल इन्फेक्टर वायरस: यह वायरस आपके कंप्यूटर की फाइलों में मौजूद होता है जो आपकी प्रोग्राम फ़ाइलों को संक्रमित करता है। जब कभी भी आप किसी संक्रमित फ़ाइल कोखोलते हैं, तब यह वायरस चालू हो जाता है और आपके कंप्यूटर की अन्य फ़ाइलों को भी नुकसान पहुंचता है।
3. मैक्रो वायरस: यह वायरस आपके सिस्टम के किसी भी डॉक्यूमेंट में मौजूद हो सकता है, जैसे कि माइक्रोसॉफ्ट वर्ड की फाइल। जब आप इस वायरस से संक्रमित किसी डॉक्यूमेंट को खोलते हैं, तब यह वायरस चालू हो जाता है और आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचता है।
4. स्क्रिप्ट वायरस: ये वायरस स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज जैसे कि JavaScript या VBScript में लिखे जाते है, जब आप कभी किसी संक्रमित स्क्रिप्ट फाइल को खोलते हैं, तब वायरस सक्रिय हो जाता है और आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचता है।
5. पॉलीमॉर्फिक वायरस: यह वाइरस अपने आपको समय-समय पर बदलता रहता है जिससे आपके कंप्यूटर में मौजूद एंटीवायरस इसको पहचान नहीं पता है यह एक बहुत ही खतरनाक वायरस है।
6. स्टेल्थ वायरस: यह वाइरस अपने आपको आपके सिस्टम में छुपा करके रखता है जिससे आपके सिस्टम में मौजूद एंटीवायरस भी इसका पता नहीं लगा पता है यह भी एक बहुत ही खतरनाक वायरस है।
7. रैनसमवेयर: यह वाइरस हैकर के द्वारा आपके कंप्यूटर सिस्टम में डाला जाता है और यह वायरस आपके कंप्यूटर की सभी फ़ाइलों को एन्क्रिप्ट कर देता है, और आपको आपके डेटा या सिस्टम तक पहुंच को ब्लॉक कर देता है, जब तक आप हैकर के द्वारा मांगी गई फिरौती नहीं दे देते।
8. वर्म: यह वाइरस नेटवर्क के माध्यम से अपने आप फैलते रहते हैं, और यह वायरस सएक टाइम पर एक से अधिक सिस्टम को प्रभावित करते हैं।
9. ट्रोजन हॉर्स: यह एक प्रकार का मैलवेयर है, जो की एक सॉफ़्टवेयर की तरह ही दिखई देता है, ये वाइरस किसी विशेष यूजर्स के सिस्टम को हैक करने तथा उसके डाटा को एंक्रिप्ट करने के लिए बनाए जाते हैं, जब आप इसे चलाते हैं, तो यह आपके कंप्यूटर को संक्रमित कर देता है और आपके डेटा को चोरी कर हैकर को भेजता रहता है।
10. वाइरस: यह एक प्रोग्राम फाइल होती है जो की हैकर के द्वारा बनाई जाती हैइसे हैकर आपके कंप्यूटर सिस्टम में डाल कर आपके डाटा को हैक करता रहता है।
14. स्पायवेयर: यह एक ऐसा वायरस होता है जो आपके सभी गतिविधियों पर नजर रखता है कि आप क्या कर रहे हैं क्या नहीं और यह सारा डाटा वह हैकर को लाइव भेजता रहता है।
15. आदिवासी बोट: यह वाइरस इंटरनेट पर अन्य हैकर के सिस्टम और सर्वरों के बीच कम्युनिकेशन करने के लिए डिजाइन किए गए।
कुछ अन्य प्रकार के वायरस भी हैं, जैसे की:
- ज़ोंबी वायरस: यह वायरस आपके कंप्यूटर को एक “ज़ोंबी” में बदल देता है, इस वायरस का उपयोग स्पैम फैलाने के लिए किया जाता है।
- लॉजिक बम: यह वाइरस एक निश्चित समय पर एक्टिवेट होने के लिए बनाए जाते हैं दिए गए टाइम के अनुसार ही यह वायरस आपके सिस्टम में एक्टिवेट होते हैं और आपके डाटा को नुकसान पहुंचाते हैं।
- बैक वायरस: यह वायरस अनऑथराइज्ड यूजर को आपके सिस्टम तक पहुंचाने के लिए एक रास्ता प्रदान करता है।
वायरस से बचाने के लिए आप ये कुछ चीजें कर सकते हैं, जैसे की:
- अपने कंप्यूटर मे एक अच्छा एंटी-वायरस सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करके रखें और उसे समय-समय पर अपडेट करते रहें।
- अपने ऑपरेटिंग सिस्टम और अन्य सभी सॉफ़्टवेयर को भी समय-समय पर अपडेट करते रहें।
- अज्ञात ईमेल और ईमेल मे अटैच फाइल को ओपन ना करें।
- अज्ञात स्रोतों और फ्री के सॉफ़्टवेयर डाउनलोड न करें।
- फ्री की सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग बिल्कुल ना करे।
निष्कर्ष:
आपको बता दे की समय के साथ-साथ नए-नए वायरस भी इंटरनेट पर विकसित हो रहे हैं, इसलिए यह बहुत ही जरूरी है कि आपके पास नया और अपडेटेड एंटीवायरस मौजूद हो और इसे समय-समय पर अपडेट करते रहें। आपको अपने कंप्यूटर सिस्टम की सभी फाइलों का एक बैकअप जरूर लेकर रखना चाहिए ताकि अगर कभी कंप्यूटर सिस्टम वायरस से संक्रमित हो जाता है तो आप अपने बैकअप को फिर से इंस्टॉल कर सके।