HTML क्या है और कैसे काम करता है?

HTML क्या है

इंटरनेट (Internet) से हम सभी परिचित हैं। यह पूरी दुनिया में सूचना (Information) के आदान प्रदान का एक लोकप्रिय (Popular) माध्यम बन गया है।

यह Internet के कारण ही संभव हुआ है कि हम किसी भी प्रकार की Information को बस कुछ Clicks की सहायता से एक जगह से दूसरी जगह पहुँचा सकते हैं।

Internet पर दी गई Information अनेक वेबसाइट्स (Websites) पर उपलब्ध होती है और एक Website अनेक Web Pages) से मिलकर बनी होती है।

इन Web Pages को बनाने के लिए ही HTML का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार हम यह समझ सकते हैं कि यह कितनी महत्वपूर्ण (Important) भाषा है। ध्यान रखने योग्य बातें:

HTML का आविष्कार Tim Berners- Lee नाम के वैज्ञानिक ने 1990 में किया था। HTML का आविष्कार इसलिए किया गया था ताकि एक वैज्ञानिक दूसरे वैज्ञानिक के Research से सबन्धित Documents तक आसानी से पहुँच बना सके।

HTML Web Pages बनाने के लिए प्रयोग की जाने वाली बुनियादी (Basic) Language हैं और इसमें Web Pages तैयार करने के लिए Coding (कुछ विशेष शब्दों में Program टाइप करना) करने की आवश्यकता होती हैं।

HTML के अलावा अन्य ऐसे सॉफ्टवेयर्स भी उपलब्ध हैं, जिनमें Web Pages बना लिए Coding करने की आवश्यकता कम या ना के बराबर होती है।

इन सॉफ्टवेयर्समें Web Pages बनाने के लिए GUI (Graphical User Interface) का प्रयोग किया जाता है और Mouse द्वारा Click करके Web Pages तैयार किए जाते हैं।

HTML द्वारा तैयार किए गए किसी Web Pageमें निम्नलिखित Contents हो सकते हैं:

*Text – यह किसी Web Pageका मुख्य Content होता है। WebPage में दिखाई देने वाली किसी भी प्रकार की Information के लिए इसे टाइप किया जाता है।

*Graphics – हम किसी बात को Text द्वारा उतनी आसानी से और तेजी से नहीं समझ सकते, जितनी चित्रों (Graphics) के द्वारा समझ सकते हैं। इसलिए Web Pages में Graphics का भी बहुत Important Role है। किसी एक Web Page में अनेक चित्र हो सकते हैं।

*Hyperlinks या Links – किसी Web Page को अन्य Web Pages से जोड़ने के लिए Links का प्रयोग किया जाता है। Links ही अनेक Web. Pages को जोड़कर एक पूरी Website बनाने में हमारी मदद करते हैं। आइए, पहले इसका अर्थ समझते हैं

*Hyper Text :- एक विशेष प्रकार का Text होता है, यह एक पुस्तक (Book) की तरह क्रम में (Sequential) या Linear नहीं होता। जब हम किसी Book में किसी विषय (Topic) या पाठ (Lesson) को ढूँढते हैं, तो हम Book के शुरुआत में दिए हुए Index को देखते हैं और पता करते हैं कि वह Topic या Lesson पुस्तक में किस पेज पर है और फिर उस पेज को खोलकर पढ़ लेते हैं। Hyper Text इस मामले में अलग है और बहुत प्रभावी है। Hyper Text की मदद से हम किसी शब्द (Word) या पिक्चर (Picture ) को सीधे पेज (Page) से कनैक्ट (Connect) या लिंक (Link) कर लेते हैं। फिर जब हम उस Word या Picture को Click करते हैं तो Page हमारे सामने खुल जाता है। इस प्रक्रिया को हाइपर- लिंकिंग (Hyper Linking) कहते हैं। इंटरनेट (Internet) की पूरी दुनिया Hyper Linking पर ही आधारित है।

*Markup :- शब्द का अर्थ Web Page के Text को Format (Text को Bold करना या Underline करना या Colorful बनाना आदि) करने से है। यह शब्द Formatting और Printing से संबन्धित है। यह Browser को बताता है कि Contents (Text, Pictures आदि) को Web Page पर कैसे रखना है। HTML में Markup के लिए अनेक Markup Elements का प्रयोग किया जाता है, जिन्हें Tags कहा जाता है । Browser इन Markup Elements पर कार्य करता है और इन्हें हमसे छिपाकर केवल इनका Result हमारे सामने प्रस्तुत करता है।

*Language:- Web Pages के बीच Communication का तरीका है। प्रत्येक Language के अपने नियम होते हैं, जिनके आधार पर वह प्रयोग की जाती है।

HTML क्या है

HTML एक संक्षिप्त नाम है जो हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज के लिए है जिसका उपयोग वेब पेज और वेब एप्लिकेशन बनाने के लिए किया जाता है। आइए देखें कि हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज और वेब पेज का क्या मतलब है।

HTML क्या है
  • हाइपर टेक्स्ट: हाइपरटेक्स्ट का सीधा सा अर्थ है “टेक्स्ट के भीतर टेक्स्ट।” एक टेक्स्ट के भीतर एक लिंक होता है, एक हाइपरटेक्स्ट है। जब भी आप किसी ऐसे लिंक पर क्लिक करते हैं जो आपको एक नए वेबपेज पर लाता है, तो आपने एक हाइपरटेक्स्ट पर क्लिक किया है। हाइपरटेक्स्ट दो या दो से अधिक वेब पेजों (एचटीएमएल दस्तावेज़) को एक दूसरे से जोड़ने का एक तरीका है।
  • मार्कअप भाषा: मार्कअप भाषा एक कंप्यूटर भाषा है जिसका उपयोग टेक्स्ट दस्तावेज़ में लेआउट और स्वरूपण सम्मेलनों को लागू करने के लिए किया जाता है। मार्कअप भाषा टेक्स्ट को अधिक इंटरैक्टिव और गतिशील बनाती है। यह टेक्स्ट को इमेज, टेबल, लिंक आदि में बदल सकता है।
  • वेब पेज: एक वेब पेज एक दस्तावेज है जो आमतौर पर HTML में लिखा जाता है और एक वेब ब्राउज़र द्वारा अनुवादित किया जाता है। एक यूआरएल दर्ज करके एक वेब पेज की पहचान की जा सकती है। एक वेब पेज स्थिर या गतिशील प्रकार का हो सकता है। HTML की मदद से ही हम स्टैटिक वेब पेज बना सकते हैं।

इसलिए, HTML एक मार्कअप भाषा है जिसका उपयोग स्टाइल की मदद से आकर्षक वेब पेज बनाने के लिए किया जाता है, और जो वेब ब्राउज़र पर एक अच्छे प्रारूप में दिखता है। एक HTML दस्तावेज़ कई HTML टैग्स से बना होता है और प्रत्येक HTML टैग में अलग-अलग सामग्री होती है।

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HTML का पूरा नाम – Full Form Of HTML

HTML का पूरा नाम Hyper Text Markup Language होता है।

HTML की विशेषताएँ – Advantages of HTML in Hindi

HTML की विशेषताएँ निम्नलिखित है जो की इस प्रकार है :-

  • यह Language समझने में आसान है। कम्प्यूटर का एक सामान्य User भी इसे आसानी से सीख सकता है।
  • यह एक Case Insensitive Language है, इसका अर्थ है कि HTML में किसी Program को अपनी इच्छा के अनुसार अंग्रेज़ी के छोटे अक्षरों (Lowercase Letters) या बडे अक्षरों (Uppercase Letters) में बनाया जा सकता है।
  • यह किसी Web Pageमें Text के साथ Graphics, Videos और Sounds को प्रयोग करने की भी सुविधा देती है।
  • इसकी सहायता से Web Pages की प्रभावी Formatting की जा सकती है।
  • इसे सभी Web Browsers Support करते हैं।
  • यह Web Pages को आपस में जोड़ने के लिए Links का प्रयोग करने की सुविधा देती है।
  • यह एक Platform Independent Language है, इसका अर्थ है कि इस Language को Windows के अलावा अन्य Operating Systems पर भी प्रयोग किया जा सकता है।

HTML के अवगुण – Disadvantages of HTML in Hindia

HTML के अवगुण भी हमारे सामने आते है जो की इस प्रकार है :-

  • इसके द्वारा Website बनाने के लिए बहुत अधिक Coding की आवश्यकता होती है।
  • इसके द्वारा तैयार की गई Websites के साथ सुरक्षा (Security) तैयार की गई Websites की समस्या रहती है।
  • इसकी सहायता से तैयार की जाने वाली Websites Static होती हैं। इसलिए Dynamic Websites तैयार करने के लिए HTML का प्रयोग नहीं किया जा सकता।

HTML के लिए आवश्यक टूल्स – Required Tools for HTML In Hindi

HTML की सहायता से Web Page तैयार करने के लिए हमकुछ Tools का प्रयोग करते हैं। इन Tools की मदद से हम आसानी से Web Page तैयार कर सकते हैं:-

1:- पहला Tool (Text Editor) :- HTML के Programsको टाइप करने के लिए एक Text Editor की आवश्यकता होती है। Windows के पास अपना एक Text Editor होता है, जिसे HTML के Programs टाइप करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इस Text Editor को Notepad के नाम से जाना जाता है। इस Text Editor को Windows के Run या Search Box में Notepad टाइप करके Open किया जा सकता है।

notepad

2. दूसरा Tool (Browser) :- Text Editor में टाइप किए गए। Program का Output (Result) Web Page के रूप में प्राप्त होता है। इसे देखने के लिए Browserका प्रयोग किया जाता है।

Browser को Web Browser भी कहते हैं। Internet पर Web Page को एक के बाद एक बदलकर देखने की प्रक्रिया को Browsingकहा जाता है। Browsing के लिए ही Browser का प्रयोग किया जाता है।

जिस प्रकार Windows में Notepad को HTML के Programs टाइप करने के लिए प्रयोग किया जाता है, उसी प्रकार Internet Explorer नाम के Browser को Notepad में टाइप किए गए Programs का Output Web Page के रूप में देखने के लिए प्रयोग किया जाता है। Internet Explorer भी Notepad की तरह Windows में पहले से ही उपस्थित होता है।

Internet Explorer के अलावा Google Company का Chrome, Mozilla Company का Firefox और Windows 10 पर आधारित Microsoft Company का Edge Browser आदि Browsers भी बहुत प्रयोग किए जाते हैं Internet Explorer को Windows के Run या Search Box में Internet Explorer टाइप करके Open किया जा सकता है।

browser

HTML के एलिमेंट्स – Elements of HTML In Hindi

HTML के Programs कुछ विशेष शब्दों ( Special Words) की सहायता से बनाए जाते हैं। इन Special Words को HTML के कीवर्ड्स (Keywords) या एलिमेंट्स (Elements) कहा जाता है।

HTML के Programs बनाते समय इन Elements को सही स्थान पर रखा जाता है। एक Element के स्थान पर कोई दूसरा Element ना तो प्रयोग किया जा सकता है और ना ही Elements में फेरबदल किया जा सकता है।

प्रत्येक Element को Angle Brackets > में बंद किया जाता है, Angle Brackets और Elements दोनों को एक साथ मिलाकर टैग (Tag) कहा जाता है HTML में Programs टाइप करते समय विभिन्न Tags का ही प्रयोग किया जाता है।

HTML के Programs में Tags को Open और Close किया जाता है। जब हम किसी Tag को Open करते हैं, तो उसे Opening Tag या Start) Tag कहा जाता है और जब हम किसी Tag को Close करते हैं, तो उसे Closing Tag या End Tag कहा जाता है।

  • Opening Tag को इस प्रकार टाइप किया जाता है: <html>
  • Closing Tag को इस प्रकार टाइप किया जाता है: </html>

इसका अर्थ है कि Opening Tag में Forward Slash / लगाकर Closing Tag बनाया जाता है।

ध्यान रखने योग्य बातें:-

  • प्रत्येक Tag एक कमांड (Command) की तरह होता है।
  • Opening Tag के साथ कुछ अन्य शब्दों का भी प्रयोग किया जाता है। इन शब्दों को एट्रीब्यूट्स (Attributes) कहा जाता है।
  • Attributes केवल Opening Tag के साथ प्रयोग किए जा सकते हैं। इन्हें अकेले प्रयोग नहीं किया जा सकता। ये Tag के कार्य (Work) पर प्रभाव डालते हैं और Browser को अन्य सूचनाएँ (Information) उपलब्ध कराते और Browser को अन्य सूचनाएं (Information) भी उप
  • किसी Tag के साथ आवश्यकता के अनुसार एक या एक से अधिक Attributes प्रयोग किए जा सकते हैं।
  • सामान्यत: Attributes को उनकी Value देनी होती है, जबकि कुछ Attributes बिना Value के भी Work करते हैं। अलग- अलग Value से अलग- अलग Output दिखाई देता है। Attributes की Value को Inverted Comma (” “) के बीच में टाइप किया जाता है।

उदाहरण के लिए:- <hr size=”4″noshade>

उपरोक्त उदाहरण में hr एक Tag है जबकि size और noshade इसके Attributes हैं, जिनमें से size Attribute की Value 4 दी गई है और noshade Attribute बिना Value के कार्य करता है।

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