कंप्यूटर नेटवर्क क्या है इन हिंदी

जब दो या दो से अधिक कंप्यूटर किसी माध्यम की सहायता से परस्पर सम्पर्क में रहते हैं, तो इस व्यवस्था को ‘कम्प्यूटर नेटवर्क’ कहते हैं। इससे महत्त्वपूर्ण डाटा तथा सूचनाओं को विभिन्न कम्प्यूटरों में उपलब्ध कराया जाता है।

कंप्यूटर नेटवर्क क्या है इन हिंदी

दोस्तो कंप्यूटर नेटवर्क से तात्पर्य आस-पास या दूर प्रयोग होने वाले कम्प्यूटरों को इस प्रकार जोड़ने से है कि उनमें प्रत्येक कंप्यूटर किसी दूसरे कंप्यूटर के साथ स्वतन्त्र रूप से सम्पर्क बनाकर सूचनाओं या सन्देशो का आदान-प्रदान कर सके और एक-दूसरे के साधनो तथा सुविधाओं को साझा कर सके।

कंप्यूटर नेटवर्किंग के लाभ क्या है?

कंप्यूटर नेटवर्किंग के निम्नलिखित लाभ हैं:-

(1) :- संसाधनों का साझा करना

नेटवर्क के किसी भी कंप्यूटर से जुड़े हुए साधन का यूज़ नेटवर्क के अन्य कम्प्यूटरो पर कार्य करते हुए किया जा सकता है। कंप्यूटर नेटवर्क में सामान्यतया प्रिंटर शेयर किया जाता है।

उदाहरण के लिए, यदि किसी कंप्यूटर के साथ प्रिंटर जुड़ा हुआ है तो नेटवर्क के अन्य कम्प्यूटर से उस प्रिंटर पर कोई भी कंटेंट प्रिंट किया जा सकता है।

(2) :- डाटा का तीव्र सम्प्रेषण

कम्प्यूटरों की नेटवर्किंग से दो कम्प्यूटरो के बीच डाटा का आदान-प्रदान अत्यधिक तीव्र तथा सुरक्षित रूप से होता है। इससे कार्य की गति तीव्र हो जाती है और समय की बचत भी होती है।

(3) :- विश्वसनीयता

नेटवर्किंग में किसी फाइल की दो या दो से अधिक कॉपी अलग-अलग कम्प्यूटर्स पर स्टोर की जा सकती है। यदि किसी कारणवश एक कंप्यूटर खराब हो जाता है, तो वह डाटा दूसरे कम्प्यूटर्स से प्राप्त हो सकता है। इस प्रकार के नेटवर्क के कंप्यूटरएक-दूसरे के लिए बैकअप का कार्य करते हैं, जिससे उसकी विश्वसनीयता बढ़ती है।

कंप्यूटर नेटवर्क कितने प्रकार के होते है?

कंप्यूटर नेटवर्क निम्नलिखित चार प्रकार के होते हैं

  1. लोकल एरिया नेटवर्क
  2. मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क
  3. वाइड एरिया नेटवर्क
  4. कैम्पस एरिया नेटवर्क

(1) :- लोकल एरिया नेटवर्क

लोकल एरिया नेटवर्क के सभी कंप्यूटर के नेटवर्क एक सीमित एरिया में स्थित रहते हैं। इन कंप्यूटर यह क्षेत्र लगभग एक किलोमीटर की सीमा में होते है; जैसे कोई भी बड़ी बिल्डिंग या उनका एक समूह लोकल एरिया नेटवर्क में जोड़े गए उपकरणों की संख्या अलग-अलग हो सकती है।

इन उपकरणों को किसी संचार केबल द्वारा जोड़ा जाता है। लोकल एरिया नेटवर्क के द्वारा कोई संगठन अपने कम्प्यूटरों, टर्मिनलों, कार्यस्थलो तथा अन्य बाहरी उपकरणों को एक दक्ष तथा प्रभावी लागत विधि से जोड़ सकता है।

जिससे वे आपस मे सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकें तथा सबको सभी साधनों का लाभ मिल सके। इसमे डाटा भेजना की गति 10-100 bits/sec होती है।

(2) :- मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क

जब बहुत सारे लोकल एरिया नेटवर्क के कम्प्यूटर्स अर्थात् LAN नेटवर्क किसी भी नगर या शहर के अन्दर एक-दूसरे से जुड़े होते हैं, तो इस प्रकार के नेटवर्क को हम लोग “मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क” कहते है। इसमे डाटा भेजना की गति 10-1000 Mbits/sec होती है।

ये काफी महंगे नेटवर्क होते हैं, जो फाइबर ऑप्टिक केबल से जुड़े होते हैं। ये टेलीफोन या केबल ऑपरेटर और माइक्रोवेव लिक द्वारा प्रदान किए जाते हैं।

(3) :- वाइड एरिया नेटवर्क

वाइड एरिया नेटवर्क एक विस्तृत क्षेत्र नेटवर्क है। इससे जुड़े हुए कंप्यूटर तथा उपकरण एक-दूसरे से हजारों किलोमीटर की दूरी पर भी स्थित हो सकते है। इनका कार्यक्षेत्र कई महाद्वीपों तक फैला हो सकता है। यह एक बड़े आकार का डाटा नेटवर्क होता है।

इसमे डाटा के संचरण की दर लोकल एरिया नेटवर्क की तुलना में कम होती है। अधिक दूरी के कारण प्रायः इनमें माइक्रोवेव स्टेशनो या संचार उपग्रहों का प्रयोग किया जाता है।

वाइड एरिया नेटवर्क का महत्त्व लगभग दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इन नेटवर्क का उपयोग आजकल शेयर मार्केट, बैंक, वित्तीय संस्थाओ आदि के लिए अनिवार्य हो गया है।

कंप्यूटर नेटवर्क के अवयव कया है?

कंप्यूटर नेटवर्क के अवयव आवश्यक होते हैं जो नेटवर्क को इन्स्टॉल करने के लिए आवश्यक होते हैं। कोई कम्प्यूटर नेटवर्क विभिन्न तत्त्वो या अवयवों का समूह होता है। इनमें से कुछ प्रमुख अवयवों का परिचय निम्न सर्वर है यह नेटवर्क का सबसे प्रमुख अथवा केन्द्रीय कम्प्यूटर होता है।

नेटवर्क के अन्य सभी कम्प्यूटर इस सर्वर से जुड़े होते है। सर्वर क्षमता और गति की दृष्टि से अन्य सभी कम्प्यूटरा से श्रेष्ठ होता है और प्रायः नेटवर्क का अधिकांश अथवा समस्त डाटा सर्वर पर ही रखा जाता है।

(1) :- क्लाइण्ट

सर्वर के अतिरिक्त नेटवर्क के अन्य सभी कम्प्यूटरो को क्लाइण्ट / नोड कहा जाता हैं। ये वे कम्प्यूटर होते हैं, जिन पर उपयोगकर्ता कार्य करते हैं। प्रत्येक नोड का एक निश्चित नाम और पहचान होती है। कई नोड अधिक शक्तिशाली होते हैं। ऐसे नोडों को प्राय: वर्कस्टेशन कहा जाता है।

(2) :- नेटवर्क केबल

जिन केवलों के द्वारा किसी नेटवर्क के कम्प्यूटर आपस में एक दूसरे से जुड़े होते हैं, उन केबल को नेटवर्क केबल कहा जाता है। सूचनाएँ एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर तक इन केबलों से होकर ही जाती है। इनको प्रायः बसभी कहा जाता है।

(3) :- नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम

यह ऐसा सॉफ्टवेयर है जो नेटवर्क के कम्प्यूटरों के बीच सम्बन्ध निश्चित करता है और उनके मध्य सूचना के ट्रान्सफर को नियन्त्रित करता है। यह सॉफ्टवेयर सर्वर में लोड किया जाता है।

(4) :- नेटवर्क इण्टरफेस कार्ड

यह एडेप्टर कहलाता है। NIC नेटवर्क और कम्प्यूटर के मध्य डेटा के आदान-प्रदान को नियन्त्रित करता है।

(5) :- प्रोटोकॉल

वह प्रणाली, जो सम्पूर्ण संचार प्रक्रिया में विविध डिवाइसों के मध्य सामंजस्य स्थापित करती हैं, प्रोटोकॉल कहलाती है। प्रोटोकॉल की उपस्थिति में ही डाटा तथा सूचनाओं को प्रेक्षक से लेकर प्राप्तकर्ता तक पहुंचाया जाता है। कम्प्यूटर नेटवर्क का आधार भी प्रोटोकॉल ही है।

(6) :- रिसोर्स

एक विशेष नेटवर्क पर कम्प्यूटर के लिए उपलब्ध हार्डवेयर को संसाधनों के रूप में जाना जाता है।

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