नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है इन हिंदी

Network Topology Kya Hai In Hindi

नेटवर्क टोपोलॉजी कम्प्यूटर नेटवर्क में कम्प्यूटरों को आपस में जोड़ने के तरीके को नेटवर्क टोपोलॉजी कहते हैं।

किसी भी प्रकार की टोपोलॉजी के प्रत्येक कम्प्यूटर को नोड या फिर लिंक स्टेशन कहते हैं। दूसरे शब्दों में, टोपोलॉजी नेटवर्क में सभी कम्प्यूटरों को आपस में जोड़ने की एक व्यवस्था होती है, जिसके द्वारा सभी कम्प्यूटर एक-दूसरे से सम्पर्क स्थापित करते हैं।

नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है इन हिंदी

नेटवर्क टोपोलॉजी कम्प्यूटर नेटवर्क को बनाने के लिए अनेक नोड्स को किसी-न-किसी संचार माध्यम के द्वारा आपस में जोड़ा जाता है।

कम्प्यूटर नोड को आपस में जोड़ते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि उस नेटवर्क पर स्थित प्रत्येक नोड अन्य किसी भी दूसरी नोड के साथ डेटा का आदान-प्रदान कर सके नेटवर्क को आपस में जोड़ने के कई तरीके हो सकते हैं।

कम्प्यूटर नेटवर्क तकनीक में इन तरीकों को, जिनके आधार पर नोड कोो जोड़ा जाता है, नेटवर्क टोपोलॉजी कहते हैं एक नेटवर्क टोपोलॉजी नेटवर्क पर स्थित नोड के लिए डेटा संचरण मार्ग का उल्लेख किया जाता है। वैसे तो नेटवर्क टोपोलॉजी संख्या में असीमित हो सकती हैं।

जिस प्रकार एक शहर के किन्हीं दो दूरस्थ स्थानों के मध्य अनेक मार्ग हो सकते हैं, जिन पर चलकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचा जा सकता है। इस प्रकार एक बड़े कम्प्यूटर नेटवर्क की किन्हीं दो नोड के मध्य विभिन्न मार्गों से डेटा संचरित किया जा सकता है।

नेटवर्क टोपोलॉजी कितने प्रकार की होती है?

नेटवर्क की अनेक टोपोलॉजी हो सकती हैं, लेकिन प्रयोग में लायी जाने वाली प्रमुख तीन टोपोलॉजी है:

  1. बस टोपोलॉजी
  2. स्टार टोपोलॉजी
  3. रिंग टोपोलॉजी
  4. मेश टोपोलॉजी
  5. ट्री टोपोलॉजी

(1) बस टोपोलॉजी

bus topology kya hai

बस टोपोलॉजी इस टोपोलॉजी में एक लम्बे केबल से उपकरण जुड़ी होती हैं। यह नेटवर्क इन्स्टॉलेशन छोटे अथवा अल्पकालीन ब्रॉडकास्ट के लिए होता है।

इस प्रकार के नेटवर्क टोपोलॉजी का प्रयोग उन जगह पर किया जाता है, जहाँ पर बहुत अधिक गति के सचार चैनलो का प्रयोग सीमित क्षेत्र में किया जाता है।

परन्तु यदि कम्युनिकेशन चैनल खराब हो जाए, तो पूरा नेटवर्क खराब हो जाता इस टोपोलॉजी में ईथरनेट प्रोटोकॉल का प्रयोग किया जाता है।इस प्रकार टोपोलॉजी में उच्च गति की ब्रॉड बैंड लाइन का संचार माध्यम के रूप में प्रयोग किया जाता है, क्योंकि एक ही लाइन को सभी नोड शेयर करती हैं।

बस टोपोलॉजी के लाभ

  • इस बस टोपोलॉजी को बनाना बहुत ही आसान होता है।
  • इस टोपोलॉजी में स्टार टोपोलॉजी और ट्री टोपोलॉजी की अपेक्षाकृत कम केबल यूज होता है।

बस टोपोलॉजी के की हानियां

  • इस नेटवर्क’ की संचार लाइन तीव्र गति से डेटा संचरित नहीं करती है।
  • इसमे पूरा नेटवर्क बहुत धीमी गति से कार्य करता है।
  • किसी एक कम्प्यूटर संचार लाइन की खराबी से सारा नेटवर्क का डाटा संचार रुक जाता है
  • इसमें किसी भी कम्प्यूटर को जोड़ना अपेक्षाकृत कठिन है |

बस टोपोलॉजी की विशेषताएँ

  • इस नेटवर्क व्यवस्था की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें भौतिक रूप से कम लम्बाई की संचार लाइनों की आवश्यकता पड़ती है
  • इसमे एक ही लाइन से सभी नोड द्वारा साझा प्रयोग कीया जा सकता है।
  • इसके अतिरिक्त नेटवर्क की किसी एक नोड के कार्य न करने की स्थिति में नेटवर्क पर कोई अन्तर नहीं पड़ता, अन्य नोड सुचारू रूप से डेटा संचरण कर सकती हैं।
  • इस प्रकार के नेटवर्क में नई नोड को जोड़ना अत्यधिक सरल है। उसी लाइन पर नई नोड लगा दी जाती है।

(2) स्टार टोपोलॉजी

Star Topology

स्टार टोपोलॉजी के अन्तर्गत एक होस्ट कम्प्यूटर होता है, जिसे हब कहा जाता है इस हब कम्प्यूटर से विभिन्न लोकल कम्प्यूटरों नोड को सीधे जोड़ा जा सकता है।

इसमे हब के फेल होने से पूरा नेटवर्क फेल हो सकता है। स्टार टोपोलॉजी में ईथरनेट, टोकन रिंग और लोकल टॉक प्रोटोकॉल प्रयोग होते है।

स्टार टोपोलॉजी के लाभ

  • स्टार टोपोलॉजी के नेटवर्क टोपोलॉजी में होस्ट कंप्यूटर से किसी दूसरे कंप्यूटर तक केबल लाइन बिछाने में लागत कम लगते हैं।
  • इसमें कंप्यूटरों की संख्या बढ़ाने पर एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक सूचनाओं का आदान प्रदान करने की गति में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, क्योंकि दो कम्प्यूटर के बीच केवल होस्ट कम्प्यूटर ही होता है।
  • यदि कोई लोकल कम्प्यूटर ख़राब होता है तो शेष नेटवर्क इससे प्रभावित नहीं होता है।

स्टार टोपोलॉजी की हानियां

  • यह पूरा तंत्र होस्ट कम्प्यूटर पर निर्भर होता है | यदि होस्ट कम्प्यूटर ख़राब हो जाय तो पूरा का पूरा नेटवर्क फेल हो जाता है
  • स्टार टोपोलॉजी का मुख्य कर्ता-धर्ता केन्द्रीय कम्प्यूटर होता है। यदि किसी कारणवश यह फेल हो जाए तो पूरा नेटवर्क ठप्प हो जाता है।

स्टार टोपोलॉजी की विशेषताएँ

  • स्टार टोपोलॉजी में अधिक संख्या में नोड्स को जोड़ने के लिए न्यूनतम संचार लाइनों की आवश्यकता पड़ती है जिससे लागत कम लगती है।
  • स्टार टोपोलॉजी में डेटा संचरण में समय भी कम लगता है क्योंकि एक नोड, केन्द्रीय नोड के माध्यम से किसी भी एक अथवा अनेक नीड को मात्र दो संचार लाइनों का प्रयोग कर डेटा प्रसारित कर सकती है।
  • स्टार टोपोलॉजी में किसी नए नोड को आसानी से जोड़ा जा सकता है। नोड की संख्या बढ़ने पर भी बाकी नेटवर्क की कार्यक्षमता या गति में कोई अन्तर नहीं पड़ता है। यदि कोई नोड फेल भी हो जाए तो पूरा नेटवर्क अप्रभावित रहता है।

(3) रिंग टोपोलॉजी

Ring Topology

रिंग टोपोलॉजी में सभी कम्प्यूटर एक गोलाकार आकृति में केबल द्वारा जुड़े होते हैं। प्रत्येक कम्प्यूटर अपने अधीनस्थ (पास वाले) कम्प्यूटर से जुड़ा ‘होता है।

इसमें किसी भी एक कम्प्यूटर के खराब हो जाने पर पूरी रिंग टोपोलॉजी खराब हो जाती है। यह गोलाकार आकृति सर्कुलर नेटवर्क भी कहलाती है।

यह टोपोलॉजी ऐसे स्थान पर प्रयोग होती है जहाँ ज्यादा बैण्डविड्थ की आवश्यकता होती है। रिंग टोपोलॉजी में टोकन रिंग और फाइबर डिस्ट्रीब्यूटेड डेटा इण्टरफेस प्रोटोकॉल्स का प्रयोग किया जाता है।

रिंग टोपोलॉजी के लाभ

  • इसका नेटवर्क बहुत अधिक कुशलता से कार्य करता है, क्योंकि इसमें कोई होस्ट कम्प्यूटर नहीं होता है।
  • रिंग टोपोलॉजी स्टार से अधिक विश्वसनीय है, क्योंकि यह किसी एक कम्प्यूटर पर निर्भर नहीं होता है |
  • इस प्रकार की टोपोलॉजी में यदि किसी एक लाइन का कंप्यूटर खराब हो जाता है तो हम दूसरी लाइन के कंप्यूटर से अपना कार्य कर सकते हैं।

रिंग टोपोलॉजी की हानियां

  • इस की गति नेटवर्क में लगे कम्प्यूटरों पर निर्भर करती है। यदि कम्प्यूटर कम है तो गति अधिक होती है और यदि कंप्यूटरों की संख्या अधिक है तो गति कम होती है
  • रिंग टोपोलॉजी में यदि अधिक नोड लगा दी जाएँ तो रूर दूसरे नोड के मध्य डेटा धीमी गति से संचरित होता है क्योंकि इसके लिए उसे कई माध्यमिक नोड से गुजरना पड़ता है।
  • रिंग टोपोलॉजी में एक नई नोड लगाना बस एवं स्टार टोपोलॉजी की अपेक्षा थोड़ा कठिन है।

रिंग टोपोलॉजी की विशेषताएँ

  • यह रिंग टोपोलॉजी अत्यधिक सरल है।
  • इसमे यदि नेटवर्क छोटा हो तो डेटा संचरण भी तीव्र गति से होता है।
  • यह अन्य टोपोलॉजी की अपेक्षा अधिक विश्वसनीय है क्योंकि इसमें नेटवर्क कंट्रोल किसी एक नोड के पास नहीं होता है।
  • इसमें कम संचार लाइनों की आवश्यकता होती है। यदि एक नोड फेल भी हो जाए तो उससे अगली नोड को डेटा प्रसारित करने के लिए। विपरीत दिशा का प्रयोग किया जा सकता है।

(4) मैश टोपोलॉजी

मैश टोपोलॉजी का प्रत्येक कम्प्यूटर, नेटवर्क में जुड़े अन्य सभी कम्प्यूटरों से सीधे जुड़ा होता है। इसी कारण से इसे पॉइंट-टू-पॉइंट नेटवर्क या कम्प्लीटली कनेक्टेड नेटवर्क भी कहा जाता है।

इसमें डाटा के आदान-प्रदान का प्रत्येक निर्णय कम्प्यूटर स्वयं ही लेता है। इस मैश टोपोलॉजी की नोड में द्विदिशीय लिंक होते हैं।

इस टोपोलॉजी में किसी एक कम्प्यूटर के खराब होने पर सम्पूर्ण नेटवर्क बाधित या कराब नहीं होता है।

मैश टोपोलॉजी के लाभ

  • संपूर्ण नेटवर्क एक दोषपूर्ण डिवाइस से प्रभावित नहीं होता है। स्टार टोपोलॉजी की तरह केंद्रीकृत प्रबंधन की आवश्यकता नहीं है।
  • इसमे दोषपूर्ण डिवाइस का पता लगाने में आसान।

मैश टोपोलॉजी की हानियां

  • बस, स्टार और रिंग टोपोलॉजी की तुलना में अधिक केबल बिछाने की आवश्यकता है।
  • एक डिवाइस से दूसरे में प्रत्येक लिक के लिए बस स्टार और रिंग टोपोलॉजी की तुलना में एक व्यक्तिगत NICOL की आवश्यकता होती है।

(5) ट्री टोपोलॉजी

Tree Topology kya hai

ट्री टोपोलॉजी में कंप्यूटर नोट एक नोट से दूसरे नोट को और दूसरे नोट को तीसरे नोट से किसी पेड़ की शाखा की तरह जोड़ा जाता है, इस प्रकार से बनी टोपोलॉजी ट्री टोपोलॉजी कहलाती है।

ट्री टोपोलॉजी, स्टार टोपोलॉजी का ही विस्तृत रूप है। इस टोपोलॉजी में रूट नोड सर्वर की तरह कार्य करता है।

ट्री टोपोलॉजी के लाभ

  • इसमे प्रत्येक कम्प्यूटर के लिए प्वाइन्ट तार बिछाया जाता है ।
  • इसमे कई हार्डवेयर तथा साफ्टवेयर विक्रेताओं के द्वारा सपोर्ट किया जाता है ।

ट्री टोपोलॉजी की हानियां

  • प्रत्येक खण्ड की कुल लम्बाई प्रयोग में लाये गए तारो द्वारा सीमित होती है ।
  • यदि इसमे बैकबोन लाइन टूट जाती है तो पूरी टोपोलॉजी रुक जाता है ।
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