ई-मेल के फायदे और नुकसान

इंटरनेट की सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली सेवा इलेक्ट्रॉनिक मेल या संक्षेप में ई-मेल है। ई-मेल एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक सन्देश होता है, जो किसी नेटवर्क से जुड़े विभिन्न कम्प्यूटरों के मध्य भेजा और प्राप्त किया जाता है।

इसका उपयोग सोशल नेटवर्किंग दोस्तों, परिवारों, सहपाठियों, क्लाइण्टों आदि के साथ सम्पर्क / कनेक्शन बनाने के लिए इण्टरनेट आधारित सोशल मीडिया प्रोग्रामों का उपयोग है।

दोस्तो यह सामाजिक तथा व्यावसायिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हो सकता है। सोशल नेटवर्किंग वेब के सबसे बड़े और प्रभावशाली कम्पोनेण्टों में से एक बन गया है।

Table of Contents

ई-मेल क्या होता है?

email ke fayde aur nuksan

ई-मेल का पूर्ण रूप ‘इलेक्ट्रॉनिक मेल’ होता है। ई-मेल के माध्यम से कोई भी व्यक्ति विशेष या यूज़रों का समूह दुनियाभर में किसी से भी सन्देशों का आदान-प्रदान कर सकता है।

ई-मेल सन्देश के दो घटक होते हैं-ई-मेल एड्रेस और मैसेज। किसी भी ई-मेल प्रदाता की वेबसाइट; जैसे – Gmail, Hotmail, Yahoo Mail पर साइन-अप करके नए ई-मेल एड्रेस को यूज़र द्वारा बनाया जा सकता है।

इसका प्रयोग करके ई-मेल को क्रिएट, सेंड, रिसिव, फॉरवर्ड, स्टोर, प्रिण्ट और डिलीट किया जा सकता है। ई-मेल का प्रयोग करके साधारण टैक्स्ट, डॉक्यूमेण्ट, ग्राफिक्स, ऑडियो, वीडियो और इमेज आदि भेजे जा सकते हैं।

ई-मेल के फायदे क्या है?

ई-मेल के निम्नलिखित हैं

  • हम ई-मेल के माध्यम से ई-मेल के सन्देशों के साथ-साथ उनकी दिनांक व समय को भी सेव करके रख सकते हैं ।
  • इण्टरनेट पर किसी भी व्यक्ति की पहचान करने व वेबसाइटों पर रजिस्ट्रेशन करने में ई-मेल एड्रेस अत्यन्त लाभदायक है।
  • ईमेल के माध्यम से हम अपने मैसेज को बहुत तेजी के साथ दूसरे को भेज सकते हैं।
  • ई-मेल द्वारा पत्रों /सन्देशों के खोने की आशंका समाप्त हो जाती है।
  • ई-मेल को केवल वही यूजर पढ़ या डाउनलोड कर सकता है, जिसे वह भेजा गया है।
  • ई-मेल का प्रयोग करने से पेपर की भी बचत होती है व ई-मेल को कागजी दस्तावेजों की तुलना में सँभालना अत्यधिक आसान होता है।
  • आज कल ई-मेल का प्रयोग विज्ञापनों, बिजनेस प्रोमोशन आदि के लिये भी किया जाता है।

E-mail के नुकसान क्या है?

ई-मेल के लाभ होने के साथ-साथ ई-मेल के नुकसान भी हैं, जो निम्नलिखित हैं

  • ई-मेल के पासवर्ड के चोरी होने पर कोई भी अज्ञात व्यक्ति उसका प्रयोग कर सकता है।
  • प्राप्त किए गए ई-मेल में वायरस हो सकते हैं, जो हानिकारक छोटे प्रोग्राम्स होते हैं। वायरस प्रोग्राम ई-मेल से सम्बन्धित सभी जानकारियों को चुराकर, अनुचित ई-मेल को अन्य ई-मेल एड्रेसों पर भेज सकता है।
  • इंटरनेट के बहुत से यूज़र्स अन्य ई-मेल यूज़रों को बहुत से अवांछित (Unwanted) ई-मेल भेजते हैं, जिन्हें हम स्पैम (Spam) भी कहा जाता है।
  • किसी भी ई-मेल यूज़र्स को अपने Mailbox को समय-समय पर मैनेज करना होता है क्योंकि यदि Mailbox फुल हो गया तो वह New ई-मेल को प्राप्त नहीं कर पायेगा।
  • हम ई-मेल का प्रयोग किसी भी सरकारी व्यापार में नहीं करते है, क्योंकि यदि ई-मेल किसी अवैध यूज़र को पता चल गया, तो वह उनका गलत प्रयोग कर सकता है।

ई-मेल के फायदे और नुकसान

यदि आप लोग ईमेल का यूज करते हैं तो आपको बता दें कि आज के जमाने में ईमेल का यूज़ करना फायदेमंद भी है और इसके साथ-साथ ईमेल के बहुत सारे नुकसान भी होते हैं जो कि ई-मेल के फायदे और नुकशान कुछ इस प्रकार है:-

(1) ई-मेल के फायदे

  1. बिना किसी कागज का उपयोग किए हम डिजिटली किसी को भी कोई भी इंफॉर्मेशन इंटरनेट के माध्यम पर बहुत ही आसानी से भेज सकते हैं।
  2. आज के जमाने में ईमेल का उपयोग बिलकुल भी फ्री है।
  3. इसे लिखने तथा किसी को भेजने के लिए बहुत ही सरल और आसान है।
  4. इसमें आप अपने किसी भी पसंदीदा ईमेल को बहुत ही आसानी से प्राथमिकता दे सकते हैं।
  5. आप बहुत ही जल्दी किसी को ईमेल भेज दिया प्राप्त कर सकते हो।
  6. इसमें भेजी गई जानकारी किसी अन्य व्यक्ति के लिए गोपनीय रहती है।
  7. इसमें आप एक साथ जितने चाहे उतने लोगों को ईमेल भेज सकते हैं।

(2) ई-मेल के नुकसान

  1. ई-मेल पर आज के जमाने में बहुत सारे स्पैम हो रहे हैं।
  2. आपकी पर्सनल डाटा के मामले में ईमेल ज्यादा सुरक्षित नहीं है।
  3. यह कॉपी ईमेल को हटाने में बहुत सारा समय लगाता है।
  4. यदि एक साथ बहुत सारे ईमेल आ जाते हैं तो आपका इंपॉर्टेंट ईमेल ढूंढने में बहुत सारा समय लग जाता है।
  5. अच्छी जानकारी को पाने के लिए आपको ईमेल को बार बार चेक करना पड़ता है।
  6. ईमेल के माध्यम से वायरस भी आपके डिवाइस में आ जाते हैं।
  7. एक समय आने पर आपका ईमेल फुल हो जाता है जिससे बाकी ईमेल आपको प्राप्त नहीं हो पाते हैं।

ईमेल मैसेज का फॉर्मेट

ईमेल मैसेज का फॉर्मेट निम्न कम्पोनेण्टों को शामिल करता है, जो कि यह है :-

एक ई-मेल में तीन भाग होते हैं जो इस प्रकार हैं:-

  1. Envelope
  2. Header
  3. Body

इन्हें निम्नलिखित रूप में समझाया गया है,

1:- Envelope क्या है?

ई-मेल मे Envelope वाला हिस्सा संदेश को एनकैप्सुलेट करता है। इसमें सभी जानकारी शामिल होती है, जो किसी भी ई-मेल को भेजने के लिए आवश्यक होती है। जैसे गंतव्य पता, प्राथमिकता और सुरक्षा स्तर। संदेश भेजने के लिए MTAs द्वारा लिफाफे का उपयोग किया जाता है।

2:- Header क्या है?

Header में पंक्तियों की एक श्रृंखला होती है। प्रत्येक हेडर फ़ील्ड में ASCII टेक्स्ट की एक पंक्ति होती है जो फ़ील्ड नाम, कोलन और मान निर्दिष्ट करती है। संदेश परिवहन से संबंधित मुख्य हेडर फ़ील्ड ही होती हैं।

• To :- इस जगह प्राप्तकर्ता के ई-मेल एड्रेस को डाला जाता है। यह ई-मेल मैसेज का सबसे पहला भाग होता है।

• Cc :- इसका पूरा नाम कार्बन कॉपी है। यह प्राप्तकर्ताओं के एड्रेस को शामिल करता है, जिन्हें यूज़र्स ई-मेल मैसेज की कॉपी भेजना चाहते हैं।

• Bec :- इसका पूरा नाम ब्लाइण्ड कार्बन कॉपी है। यह फील्ड भी प्राप्तकर्ताओं की लिस्ट को शामिल करता है। Bec प्राप्तकर्ता To और Cc एड्रेस को देख सकते हैं।

• Subject :- यह हमारे मैसेज के Title को प्र्दर्शित करता है।

• Attachments :- Attachments द्वारा ई-मेल मैसेज के साथ किसी भी फाइल जैसे—टैक्स्ट, इमेज, ऑडियो, वीडियो इत्यादि को आत्ताच कर सकते हैं।

• Body :- यह फील्ड ई-मेल मैसेज के टैक्स्ट को शामिल करता है। वास्तविक कण्टेण्ट इसी भाग में संग्रहीत होता है। इस फील्ड में प्रेषक ई-मेल सिस्टम द्वारा स्वचालित रूप से उत्पन्न हस्ताक्षर या टैक्स्ट भी शामिल हो सकते हैं। प्रत्येक उपयोगकर्ता द्वारा उपयोग की जाने वाली विभिन्न ई-मेल सिस्टम के अनुसार ई-मेल के कण्टेण्ट भिन्न हो सकते हैं।

• Formatting :- फॉर्मेटिंग टैब का प्रयोग करके, यूज़र्स अपने मैसेज को फॉर्मेट कर सकते हैं।

• Other options :- यूज़र्स अन्य विकल्प; जैसे—इमोटिकॉन, बोल्ड, इटैलिक, हाइपरलिंक इत्यादि का प्रयोग करके मैसेज को अधिक आकर्षक बना सकते हैं।

• Send button :- ई-मेल को भेजने के लिए Send बटन पर क्लिक किया जाता है।

ई-मेल मैसेज के स्ट्रक्चर की विण्डो को नीचे प्रदर्शित किया गया है

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ई-मेल मे इनकमिंग क्या होता है?

आपके मोबाइल डिवाइस के ईमेल ऐप पर मेल पाने के लिए आपको इनकमिंग मेल सर्वर की जानकारी की ज़रूरत पढ़ती है।

यहां पर आपको, इनकमिंग मेल सर्वर का एड्रेस, वह पोर्ट जिस पर उसका सॉफ्टवेयर रन करता है, और यह भी कि वह किस प्रकार का मेल सर्वर है दिखाई देता है ।

आपको येसा भी लग सकता है कि यह सब जानकारी को ट्रैक करना कोई बहुत बड़ा काम है, परंतु यह सब हमे बहुत ही आसानी से उपलब्ध हो जाता है और जब आपको यह पता हो कि यह सब कहाँ छुपा हुआ है, तब इसे कॉन्फ़िगर करना बहुत आसान होता है।

इ-मेल इमोटिकॉन क्या है?

टैक्स्ट कम्युनिकेशन के अन्तर्गत स्माइलीज या इमोटिकॉन का प्रयोग अक्सर भावनात्मक अभिव्यक्ति के लिए किया जाता है। जिस प्रकार से हम आमने-सामने की बातचीत में चेहरे के हाव-भाव से एवं दूरभाष के माध्यम से होने वाले वार्तालाप में ध्वनि के उतार-चढ़ाव के द्वारा अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं, ठीक उसी प्रकार से टैक्स्ट मैसेजेस में स्माइलीज का प्रयोग किया जाता है।

एक स्माइली बनाने के लिए स्टैण्डर्ड की-बोर्ड के कैरेक्टर्स और पंक्चुएशन मार्क्स का ही प्रयोग किया जाता है। स्माइलीज को इमोटिकॉन (Emoticon) भी कहा जाता है। अधिकतर प्रयोग होने वाले स्माइलीज एवं उनके संकेत निम्नलिखित हैं।

अर्थस्माइली
खुश -)
दुखी 🙁
निराश :-e
हँसना 😀
पलकें झपकना 😉
पागल >:-<
उदासीन :-!
गुस्सा :@
आश्चर्यचकित 😮
स्माइल 🙂
रोना 🙁
परेशान *-)

इ-मेल एड्रेसिंग क्या होता है?

ई-मेल भेजने और प्राप्त करने के लिए हमारे पास एक ई-मेल एड्रेस का होना बहुत जरूरी होता है। ई-मेल एड्रेस किसी भी ई-मेल सर्वर पर ऐसा स्थान होता है, जहाँ ई-मेल को स्टोर कीया जाता हैं। ई-मेल सर्वर द्वारा ई-मेल को भेजा जाजा है। इस स्थान को मेलबॉक्स भी कहा जाता है।

जब भी कोई यूज़र किसी इण्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) कम्पनी से इण्टरनेट कनेक्शन को खरीदता है, तो वह अपने यूज़र के लिए एक मेलबॉक्स भी बना देता है और उस मेलबॉक्स का एड्रेस यूज़र को ही दे देता है, जिसे ई-मेल एड्रेस कहा जाता है। ई-मेल एड्रेस में सामान्यतया निम्न दो भाग होते हैं, जो @ चिह्न से अलग रहते हैं। जैसे username@hostname

  • यहाँ पर ‘username’ मेलबॉक्स का एक नाम होता है। यह सामान्यत: यूज़र के यूज़रनेम के समान होता है, जिसके द्वारा यूज़र अपने कम्प्यूटर को इण्टरनेट से जोड़ते हैं।
  • ‘hostname’ or domain name‘ मेल सर्वर है, जिस पर आपका ई-मेल अकाउण्ट है।

ई-मेल एड्रेस के कुछ उदाहरण निम्न हैं।

  • sageerkitech@gmail.com
  • webmaster@yahoo.com

ई-मेल का प्रयोग बताये

जिसके पास भी ई-मेल एड्रेस होता है, वह ई-मेल को इण्टरनेट के माध्यम से किसी को भी भेजा जा सकता है, और प्राप्त कर सकता है?

आपको इनमें से किसी भी वेब पोर्टल में मेलबॉक्स बनाने के लिए आपको अपने बारे में कुछ जानकारी देकर एक ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है और अपने यूज़रनेम तथा पासवर्ड को बनाना होता है।

हमारे विवरण की स्वीकृत होने पर वेब पोर्टल पर यूज़र को वही यूज़रनेम तथा पासवर्ड प्रदान कर देता है। और वह यूज़र का मेलबॉक्स अपने मेल सर्वर पर बना देता है।

यूज़र जो भी ई-मेल प्राप्त करता है, वह मेलबॉक्स में स्टोर कर दी जाती है, भले ही यूज़र उसकी प्राप्ति के समय इण्टरनेट से जुड़ा हो या नहीं। यूज़र अपने वेब पोर्टल के होम पेज पर जाकर के अपने यूज़रनेम और पासवर्ड डालकर Sign in करके वह अपने मेलबॉक्स को कभी भी और कही भी खोल सकता हैं।

ई-मेल के प्रयोग निम्नलिखित हैं।

  • ई-मेल अकाउण्ट खोलना
  • ई-मेल को देखना

Email Account कैसे बनाते है?

एक नया ई-मेल अकाण्उट खोलने के लिए इंटरनेट पर बहुत सी फ्री वेबसाइट उपलब्ध है; जैसे- www.hotmail.com, www.yahoo.com, www.gmail.com, www.msn.com, www.rediffmail.com आदि इनमें से किसी भी वेबसाइट के द्वारा आप अपना रजिस्ट्रेशन करके आप अपना एक ई-मेल अकाउण्ट बना सकते है।

यूज़र निम्न स्टेप्स का प्रयोग करके अपना वेब आधारित ई-मेल अकाउण्ट खोल सकता है।

1:- किसी भी ब्राउजर के एड्रेस बार पर www.gmail.com को लिख करके Enter कुंजी को दबाइए, जिससे इस वेबसाइट का होमपेज खुल जाएगा। यह निम्न प्रकार का होगा

email account kaise kholte hai

2:- आपको एक अकाउण्ट बनाने के लिए Create an account पर क्लिक करना होगा। इस पर क्लिक करने पर एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म प्रस्तुत होता है

3:- उन विवरणों को भरे जो आवश्यक है। आप कुछ निजी विवरण को छोड़ भी सकते हैं।

4:- आप इस रजिस्ट्रेशन फॉर्म पूरा भरकर Next बटन पर क्लिक करें। फॉर्म भरते समय आप सभी दिशा-निर्देशों का पालन जरूर करें, जिससे यह सुनिश्चित हो जाए कि यूज़रनेम यूनिक है। यदि ऐसा नहीं होगा, तो आपको को पुनः रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा।

5:- इस Step मे Create your public Google + profile का एक पेज खुलेगा, इसमें यदि आप एक प्रोफाइल बनाना चाहते हैं, तो Create your profile बटन पर क्लिक करें। अन्यथा No thanks बटन पर क्लिक कर सकते है।

6:- यदि आपने Create your profile बटन पर क्लिक किया है, तो Welcome पेज प्रदर्शित होगा, जिसमें Continue to Gmail बटन पर क्लिक करे।

7:- आपको ई-मेल अकाउण्ट बनने के बाद उसकी Confirmation की Information यूज़र को दे दी जाती है और फिर यह वेब पेज ब्राउजर पर प्रस्तुत होता है।

E-mail account window

ई-मेल को कैसे देखे

इसके लिए आपको उस वेबसाइट के होम पेज पर जाना होगा, जहाँ पर आपका ई-मेल अकाउण्ट है।

वहाँ पर अपको Sign in करने के लिए एक dialog box web page पर Open होगा। इसमें E-mail text box में अपनी E-mail ID तथा Password text box में उस E-mail ID का Password डाल करके Sign in Button पर Click करें।

यदि आपका E-mail ID तथा Password सही है, तो आपका Gmail ई-मेल Box Open हो जाएगा जिसके पश्चात् आपको E-mail account window प्रदर्शित होगी।

इसमें सामान्यतया पहले Inbox folder के content अर्थात् प्राप्त हुए E-mail messages की सूची दिखाई देगी, इन messages मे Date, भेजने वाले का name, Subject आदि सूचनाएँ होती हैं।

किसी messages को Read करने के लिए cursor को उस messages पर लाकर Click करें, जहाँ पर mouse pointer हाथ के चिह्न में बदल जाता है।

मेलबॉक्स मे इनबॉक्स तथा आउटबॉक्स क्या है?

मेलबॉक्स क्या होता है?

मेलबॉक्स इलेक्ट्रॉनिक मेल सन्देशों का स्टोरेज स्थान है जो रिमोट सर्वर या यूजर की हार्ड ड्राइव पर डाउनलोड किया जाता है। सॉफ्टवेयर ई-मेल प्रोग्राम आमतौर पर मेलबॉक्स को अलग फ़ोल्डर्स में विभाजित करते हैं जो विशेष रूप से इनबॉक्स तथा आउटबॉक्स हैं।

इनबॉक्स

यह वह स्थान है, जहाँ ई-मेल सन्देश प्राप्त होते हैं। इनकमिंग मेल के लिए इनबॉक्स एक डिफॉल्ट स्थान है, जब तक किसी अन्य प्रोग्राम या फोल्डर में सन्देश फॉरवर्ड करने के लिए नियम स्थापित नहीं किए जाते हैं।

आउटबॉक्स

आउटबॉक्स वह स्थान है, जहाँ आउटगोइंग ई-मेल सन्देश अस्थायी रूप से संग्रहीत होते हैं। जब आप एक सन्देश Compose कर रहे होते हैं, तो अधिकांश मेल प्रोग्राम स्वचालित रूप से आउटबॉक्स में आपके सन्देश को ड्राफ्ट में सेव करते हैं,

आउटबॉक्स में सन्देश को तब तक संग्रहीत किया जा सकता है, जब तक इसे प्राप्तकर्ता को सफलतापूर्वक भेजा न जाए। एक बार सन्देश भेजने के बाद, अधिकांश ई-मेल प्रोग्राम सन्देश को, सेंत या सेंत मेस्सगेस फोल्डर में मूव कर देते हैं।

ड्राफ्ट

आपके द्वारा कंपोज़ किए गए सन्देश, जो अभी तक भेजे नहीं गए हैं, ड्राफ्ट फोल्डर में सेव किए जाते हैं।

प्रेषित आइटम

यह फोल्डर उन सभी आइटमों को शामिल करता है, जो भेजे जा चुके हैं, लेकिन डिलीट नहीं किए गए। आपके द्वारा भेजे जाने वाले प्रत्येक सन्देश की एक कॉपी इस फोल्डर में सेव हो जाती है।

डिलीट आइटम

जब ई-मेल को डिलीट किया जाता है, यह स्वयं ट्रैश में चला जाता है। ट्रैश फोल्डर को डिलीट करने से पहले आइटम लगभग 30 दिनों तक रहते हैं।

नई इ-मेल कैसे बनाते है और भेजते है?

Creating and Sending a New E-mail लॉग-इन करने के पश्चात् यदि यूज़र अपने मित्रों और सम्बन्धियों को ई-मेल करना चाहता है, तो Compose बटन पर क्लिक करें, जिससे नई मैसेज विण्डो प्रदर्शित होगी।

Email-message-ka-format
New Massage window

इसमें To टैक्स्ट बॉक्स में रेसीपिएण्ट का ई-मेल एड्रेस व Subject में ई-मेल का विषय तथा Body में टैक्स्ट टाइप करके Send बटन पर क्लिक करने से वह ई-मेल उस रेसीपिएण्ट को तुरन्त भेज दी जाती है।

इसके अतिरिक्त यदि यूज़र किसी फाइल (.doc, .pdf, jpg इत्यादि) को भेजना चाहता है, तो Attach files पर क्लिक करके फाइल अटैच कर सकता है। ई-मेल अटैचमेण्ट, ई-मेल सन्देश के साथ भेजा गया डॉक्यूमेण्ट है।

ई-मेल में टैक्स्ट फॉर्मेटिंग, Ce (Carbon Copy), Bce (Blind Carbon Copy) के विकल्प भी उपलब्ध होते हैं।

इ-मेल मैसेज का जवाब कैसे देते है?

ई-मेल का जवाब देने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स का प्रयोग किया जाता है।

  1. केवल ई-मेल भेजने वाले को जवाब देने के लिए ‘Reply’ विकल्प पर क्लिक करें।
  2. To और Cc बॉक्सों के सभी रेसीपिएण्ट्स को जवाब देने के लिए ‘Reply to all’ विकल्प पर क्लिक करें।

ई-मेल मैसेज को फॉरवर्ड करना

किसी ई-मेल को फॉरवर्ड करने के लिए निम्नलिखित

स्टेप्स का प्रयोग किया जाता है।

  1. यूज़र जिस मेल को भेजना चाहते हैं, उसे ओपन करें।
  2. ‘Forward’ विकल्प पर क्लिक करें।
  3. To Ce और Bee बॉक्सों में रेसीपिएण्ट्स के नाम एण्टर करें।
  4. Send बटन पर क्लिक करें।

Forward का प्रयोग किसी अन्य को प्राप्त हुई ई-मेल की कॉपी भेजने के लिए भी किया जा सकता है।

ई-मेल को कैसे सर्च किया जाता है?

ई-मेल को सर्च करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स का प्रयोग किया जाता है।

  1. सबसे ऊपर स्थित टैक्स्ट बॉक्स में उस ई-मेल की जानकारी; जैसे- भेजने वाले का नाम, विषय आदि प्रविष्ट करें, जिसे आप सर्च करना चाहते हैं।
  2. Search बटन पर क्लिक करें।
  3. इसके पश्चात् सर्च की गई जानकारी से सम्बन्धित ई-मेल की सूची प्रदर्शित हो जाएगी।

ई-मेल के साथ फाइलें अटैच करना

कम्प्यूटर पर स्टोर की जाने वाली किसी भी फाइल को ई-मेल द्वारा भेजा जा सकता है। New message विण्डों में Attach files विकल्प की सहायता से यूज़र doe, pdf और jpg फाइल को भेज सकता है। ई-मेल भेजते समय Subject लाइन सन्देश की विषय-वस्तु के बारे में बताती है।

अटैचमेण्ट के रूप में एक सॉफ्ट कॉपी भेजने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स का प्रयोग किया जाता है।

  1. Gmail अकाउण्ट विण्डो पर Compose बटन पर क्लिक करें, जिससे स्क्रीन पर New message बॉक्स प्रदर्शित होगा।
  2. रेसीपिएण्ट के ई-मेल एड्रेस को To लाइन में टाइप करें या अपनी एड्रेस बुक से ई-मेल एड्रेस को सिलेक्ट करें।
  3. Subject लाइन में ई-मेल के लिए सब्जेक्ट टाइप करें।
  4. किसी भी सॉफ्ट कॉपी को अटैच करने के लिए Attach files बटन (0) पर क्लिक करें, जिससे Open डायलॉग बॉक्स प्रदर्शित होगा।
  5. Open डायलॉग बॉक्स में से उस फाइल को सिलेक्ट करें, जिसे आप अटैच करना चाहते हैं। फाइल को सिलेक्ट करने के बाद Open बटन पर क्लिक करें।
  6. जब फाइल ई-मेल Body में अटैच हो जाए, तब Send बटन पर क्लिक करें।

इ-मेल सिग्नेचर क्या है इन हिंदी

यह टैक्स्ट का एक ब्लॉक है, जो भेजे गए ई-मेल मैसेज के अन्त में जोड़ा जाता है। सिग्नेचर का उपयोग प्राप्तकर्ता को आपके नाम, ई-मेल एड्रेस, व्यावसायिक सम्पर्क जानकारी या वेबसाइट URL के साथ किया जाता है। आपके पास सभी आउटगोइंग ई-मेल पर सिग्नेचर जोड़ने का विकल्प होगा।

Gmail में ई-मेल सिग्नेचर जोड़ने के लिए निम्न स्टेप्स का प्रयोग करे :-

  1. Gmail एकाउण्ट विण्डो में ऊपरी दाईं ओर Settings → Settings पर क्लिक करें।
  2. General टैब पर क्लिक करें
  3. Signature के अन्तर्गत अभीष्ट अकाउण्ट के सिलेक्ट होने को सुनिश्चित करें।
  4. टैक्स्ट फील्ड में अभीष्ट सिग्नेचर टाइप करें। आप इमेज को भी जोड़ सकते हैं।
  5. Save Changes बटन पर क्लिक करें।

FAQ:-

मुझे ईमेल करें इनकमिंग क्या होता है हिंदी में

आपके मोबाइल डिवाइस के ईमेल ऐप पर मेल पाने के लिए आपको इनकमिंग मेल सर्वर की जानकारी की ज़रूरत पढ़ती है। यहां पर आपको, इनकमिंग मेल सर्वर का एड्रेस, वह पोर्ट जिस पर उसका सॉफ्टवेयर रन करता है, और यह भी कि वह किस प्रकार का मेल सर्वर है दिखाई देता है।

ई मेल के फायदे और नुकसान

आप बहुत ही जल्दी किसी को ईमेल भेज दिया प्राप्त कर सकते हो।
इसमें भेजी गई जानकारी किसी अन्य व्यक्ति के लिए गोपनीय रहती है।
इसमें आप एक साथ जितने चाहे उतने लोगों को ईमेल भेज सकते हैं।
ई-मेल पर आज के जमाने में बहुत सारे स्पैम हो रहे हैं।
आपकी पर्सनल डाटा के मामले में ईमेल ज्यादा सुरक्षित नहीं है।
यह कॉपी ईमेल को हटाने में बहुत सारा समय लगाता है।

ई मेल के फायदे और नुकसान क्या है?

ईमेल आजकल आधुनिक दुनिया का सबसे लोकप्रिय माध्यम है जिसका उपयोग संचार और संचार के लिए बढ़ता जा रहा है। यह एक आसान, तेज़ और सुरक्षित माध्यम है जो व्यक्तिगत और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है।

ई मेल के क्या फायदे हैं?

1). सरल संचार: आप ईमेल के माध्यम से त्वरित और सरलता से लोगों से संपर्क कर सकते हैं। यह आपको संदेश के विवरण, संलग्नक आदि के साथ संदेश भेजने की अनुमति देता है।
2). समय और उपलब्धता की बचत: ईमेल के माध्यम से आप संदेशों को आसानी से व्यवस्थित कर सकते हैं। यह आपको लंबी चर्चाओं, टेलीफोन कॉल आदि से बचाता है।
3). व्यावसायिक संचार: बड़े संगठनों और कंपनियों के लिए, ईमेल आधिकारिक संचार का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह संगठनों के लिए अनुभवी और आधिकारिक संचार को बढ़ावा देता है।
4). व्यावसायिक योग्यता: आपके ईमेल के बारे में व्यवसायिक रूप से ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है।

ई मेल के नुकसान क्या है?

ईमेल के साथ-साथ कुछ नुकसान भी हैं जो निम्नलिखित हैं:
1). साइबर अपराध: ईमेल बेहद सुरक्षित होता है, लेकिन अधिकांश समय लोग स्पैम और फिशिंग ईमेल से परेशान होते हैं जो साइबर अपराध हो सकते हैं। इसलिए, आपको अज्ञात या असंज्ञात संदेशों को खोलने से पहले सतर्क रहना चाहिए।
2). असामान्य विस्तार: जब बहुत से ईमेल संदेश आते हैं, तो आपको अपने इनबॉक्स को इस संदर्भ में संगठित रखने में कठिनाई हो सकती है। इसलिए, आपको अपने ईमेल बॉक्स को स्वचालित रूप से संगठित करने और उत्तरों को समय से पहले भेजने के लिए ध्यान रखना चाहिए।
3) संदेशों के गुम हो जाना: कभी-कभी संदेश गलत फ़ोल्डर में जा सकते हैं और उन्हें बहुत देर से देखा जा सकता है। इसलिए, आपको अपने ईमेल को साफ-सुथरा रखने के लिए ध्यान रखना चाहिए।

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