सिस्टम डिजाईन क्या है?

सिस्टम डिजाईन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें किसी सिस्टम को बनाने के लिए उसके विकास की स्थापना की योजना बनाई जाती है।

System Design किसी भी organization की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले System बनाने की एक ऐसी प्रक्रिया है। जिसमें हम अपने आवश्यकता अनुसार System को डिजाइन करते हैं।

सिस्टम डिजाईन क्या है?

system design kya hai

सिस्टम Design की इस प्रक्रिया मे जिसमें किसी System की डिज़ाइन के लिये उसकी Architecture, components और interface को परिभाषित यानी बनाया जाता है।

जिससे वह किसी भी organization की आवश्यकता को पूरा कर सके, सिस्टम डिज़ाइन बहुत ही जरूरी है क्योंकि सुनिश्चित करने में मदद करता है कि सिस्टम को ऑर्गनाइजेशन के समस्याओं के समाधान के लिये बनाया गया है।

सिस्टम डिज़ाइन का मुख्य उद्देश्य किसी भी ऑर्गनाइजेशन की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले एक उचित और व्यावसायिक solution का फॉर्मेशन करना होता है।

सिस्टम डिजाईन को विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि सॉफ्टवेयर डिजाईन, इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाईन, इंटरैक्शन डिजाईन, उत्पाद डिजाईन आदि में लागू किया जा चुका है।

सिस्टम डिज़ाइन प्रक्रिया के चरण

सिस्टम डिज़ाइन प्रक्रिया मे निम्नलिखित चरणों शामिल है:

  1. आवश्यकताओं को एकत्र करना: सिस्टम डिजाइन का यह पहला चरण है इसमें यूजर्स और आर्गेनाइजेशन की आवश्यकताओं को पहचाना जाता है।
  2. सिस्टम का एनालिसिस करना: सिस्टम डिजाइन का यह पहला चरण है इसमें एक सिस्टम मॉडल बनाना और विभिन्न सिस्टम एनालिसिस का उपयोग किया जाता है।
  3. कंपोनेंट डिजाइन करना: सिस्टम डिजाइन का यह पहला चरण है इसमें पहले सिस्टम के सभी कंपोनेंट को डिजाइन किया जाता है।
  4. कंपोनेंट का इंटीग्रेशन करना: सिस्टम डिजाइन का यह पहला चरण है इसमें सभी कॉम्पोनेंट का डिजाइन हो जाने के बाद उन्हें आपस में इंटीग्रेट(जोड़ा) जाता है।
  5. सिस्टम टेस्टिंग करना: सिस्टम डिजाइन का यह आखिरी चरण है इसमें सिस्टम डिजाइन हो जाने के बाद उसे टेस्ट किया जाता है कि यह यूजर्स और आर्गेनाइजेशन की आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है या नहीं।

सिस्टम डिजाइन के एलिमेंट कौन-कौन से हैं?

सिस्टम डिजाइन के निम्न्लिखित एलिमेंट हैं:

  • Architecture :- इसमे सिस्टम के Structure, Behavior और System कैसा दिखेगा इसको डिफाइन किया जाता है।
  • Modules :- सिस्टम में Components को ही Modules कहा जाता है जो की एक विशेष प्रकार के Tasks को संभलता है।
  • Components :– किसी एक function या सम्बन्धित Modules को Components कहा जाता है।
  • Interfaces:– इसके द्वारा सिस्टम के सभी components आपस में information करते है।
  • Data:- यह information का एक मैनेजमेंट होता है।

सिस्टम डिजाइन का क्या Concepts होता है?

सिस्टम डिज़ाइन में कुछ महत्वपूर्ण कॉन्सेप्ट हैं:

  • ज्यादा लोड होने पर भी सिस्टम बिना हैंग किए हुए आसानी से कम कर सके।
  • काम करते समय सिस्टम में कोई भी त्रुटि(समस्या) उत्पन्न ना हो।
  • सिस्टम की सिक्योरिटी हाई लेवल की होनी चाहिए जिससे कोई भी हैकर इसे हैक ना कर सके।
  • सिस्टम मे आसानी से संशोधन और अपडेट किया जा सकता है।

सिस्टम डिज़ाइन काम को आसान कैसे बनाता है?

सिस्टम डिज़ाइन काम को कई तरीकों से आसान बनाता है:

सबसे पहले हम एक सिस्टम को डिजाइन करते हैं जो की यूजर्स के काम को आसान और प्रभावी बनाता है। एक अच्छा सिस्टम डिजाइन यूजर्स को जानकारी तक आसानी से पहुंचने और कार्यों को पूरा करने में मदद कर सकता है।

साथ ही साथ एक अच्छा सिस्टम डिज़ाइन उपयोगकर्ताओं को कम समय में अधिक कार्य करने में मदद कर सकता है और यह यूजर्स की गलतियों को कम करता है।

सिस्टम डिजाईन करने की तकनीक

System design करने की तकनीक निम्नलिखित है:-

  1. Top Down Approach
  2. Bottom Up Approach
  3. Hybrid design

1). Top Down Approach

Top Down Approach मे सिस्टम डिजाईन के शुरुआत में ही एक पूरे सिस्टम को define किया जाता है, Top Down Approach में सभी सिस्टम अलग अलग Subsystems और Components में विभाजित होते है, सिस्टम के विभाजित होने की इस प्रक्रिया मे सिस्टम एक Hierarchy Structure बनाता है और जब सारे Components एक साथ मिल जाते है तब यह एक पूरा सिस्टम बन जाता है।

2). Bottom Up Approach

Bottom Up Approach में lowest level components का प्रयोग करके उसके आगे high level components का निर्माण किया जाता है. यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक कि सारें components मिल कर एक अलग component नही बन जाता है, जिसे हम System कहते है।

3). Hybrid design

यह top-down Approach और bottom-up Approach का एक combination होता है. इसमें हम सभी modules को फिर से use कर सकते है।

सिस्टम डिज़ाइन के फायदे

  • Problems का solution प्रदान करता है।
  • इससे विकास मे लागत कम हो जाती है।
  • Analysis करना आसान हो जाता है।
  • सिस्टम की quality को बेहतर बनाता है।
  • इससे System मे error कम आते है।
  • यह कुशलता पूर्वक data को इक्कठा करता है।

सिस्टम डिज़ाइन के नुकसान

  • समय ज्यादा लगता है।
  • एक अच्छा सिस्टम डिजाइन करने में लागत ज्यादा लगती है
  • डिज़ाइन प्रक्रिया में गलतियाँ भी हो सकती हैं।
  • सिस्टम डिज़ाइन एक जटिल प्रक्रिया है

आज आपने क्या सीखा

आज आपने सीखा की स्द्ग्फ्द्स्फ्ग्स्द्फ दोस्तों मैं आशा करता हूं कि आपको हमारी यह पोस्ट जरूर पसंद आई होगी अगर आपको इस पोस्टट से रिलेटेड कोई भी प्रशन है तो आप हमें कमेंट में पूछ सकते हैं “धन्यवाद”

सिस्टम डिजाईन क्या है? FAQs:

सिस्टम डिजाईन क्या है?

सिस्टम डिज़ाइन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी भी ऑर्गेनाइजेशन प्रणाली के लिए वास्तुकला, घटक और इंटरफ़ेस को परिभाषित किया जा सके ताकि यह सिस्टम यूजर्स ओर ऑर्गेनाइजेशन की आवश्यकताओं को पूरा कर सके।

सिस्टम डिजाईन का मुख्य उद्देश्य क्या है?

सिस्टम डिजाईन का मुख्य उद्देश्य समस्याओं के समाधान की प्रक्रिया को सरल और अनुकूल बनाना होता है ताकि उपयोगकर्ताओं को सुविधा प्राप्त हो सके और समस्याओं का समाधान सरल हो सके।

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