{2k23} Peer to Peer नेटवर्क क्या है? ॥ P2P नेटवर्क क्या है?

हेल्लो दोस्तों! इस पोस्ट मे हमने आपको Peer to Peer नेटवर्क क्या है? ॥ P2P नेटवर्क क्या है? – Peer to Peer Network in Hindi आदि के बारे मे बहुत ही सरल भाषा मे बताया हुआ है।

अगर आप हमारी यह पोस्ट Peer to Peer नेटवर्क क्या है? ॥ P2P नेटवर्क क्या है? – Peer to Peer Network in Hindi पूरी पढ़ते है तो यह आपको आसानी से सरल भाषा मे समझ में आ जायेगी। इस पोस्ट मे हमने आपको Peer to Peer (P2P) नेटवर्क की परिभाषा, कार्यप्रणाली, लाभ और नुकसान आदि के बारे मे बताया हुआ है।

वैसे आपको बता दे की आज के डिजिटल समय में, पीयर टू पीयर (पी2पी) नेटवर्क ने अपनी जानकारी को शेयर करने और दूसरे की जानकारी तक पहुंचने और इसके साथ साथ एक दूसरे से ऑनलाइन बातचीत करने के तरीके में क्रांति ला दी है।

किसी भी फ़ाइल को शेयर करने से लेकर क्रिप्टोकरेंसी तक, पी2पी नेटवर्क क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन मे उपयोग होने वाले Decentralisation Technology का एक बहुत जरूरी पार्ट बन गया है।

Table of Contents

Peer to Peer नेटवर्क क्या है? – Peer to Peer Network in Hindi

Peer to Peer Network एक विशेष प्रकार का decentralized computer network होता है। जहां पर प्रत्येक कंप्यूटर (जिसे नोड भी कहा जाता है) क्लाइंट और सर्वर के रूप में काम करते है। इस लिये इसमे किसी भी सेंट्रल सर्वर की आवश्यकता नहीं होती।

Peer to Peer Network के द्वारा किसी भी डेटा और फाइल को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर के बीच आसाबी से ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।

“पीयर-टू-पीयर नेटवर्क, को ही P2P नेटवर्क कहा जाता है। यह एक विशेष प्रकार का नेटवर्क होता है जिसमे एक कंप्यूटर अपने संसाधन जैसे की फ़ाइलें, बैंडविड्थ और प्रोसेसिंग पावर आदि को दूसरे कंप्यूटर के साथ बिना किसी सेंट्रल सर्वर के साझा करता है।

वैसे तो P2P नेटवर्क का उपयोग फ़ाइल ट्रांसफर करने के लिये किया जाता है लेकिन इसके साथ साथ इसका उपयोग बहुत बड़ी मात्रा में डेटा जैसे की स्ट्रीमिंग मीडिया, गेमिंग और वितरित कंप्यूटिंग (distributed computing) आदि को बहुत ही आसानी से ट्रांसफर करने के लिये भी किया जाता है।

Peer to Peer Network Diagram

Peer to Peer Network Diagram

P2P का फुल फॉर्म – P2P Full Form in Hindi

P2P का फुल फॉर्म पीयर टू पीयर नेटवर्क होता है।

पीयर टू पीयर नेटवर्क का अविष्कार कब हुआ था?

पीयर टू पीयर नेटवर्क का अविष्कार सन 1979 में हुआ था।

पीयर टू पीयर नेटवर्क का इतिहास – History of Peer to Peer Networks in Hindi

पीयर टू पीयर नेटवर्क का एक बहुत ही दिलचस्प इतिहास रहा है जो कंप्यूटिंग के शुरुआती दिनों से चला आ रहा है। तो चलिये हम आपको इसके पिछले कुछ वर्षों में इसके विकास के इतिहास के बारे मे जानते है:

  • पी2पी नेटवर्क के शुरुआत एक यूज़नेट के द्वारा 1979 मे की गई थी।
  • 1980 के दशक में इसका उपयोग केवल फाइल शेयरिंग के लिए ही किया जाता था।
  • पहला P2P फ़ाइल शेयरिंग नेटवर्क नैप्स्टर था जिसे 1999 में जारी किया गया था।
  • सन 2001 में नैप्स्टर नेटवर्क को बंद कर दिया गया था।
  • 2000 के दशक में, कई नए P2P फ़ाइल शेयरिंग नेटवर्क सामने आये थे , जिनमें Gnutella, LimeWire और eMule शामिल थे।
  • 2001 में, ब्रैम कोहेन ने बिटटोरेंट प्रोटोकॉल जारी किया, जो बड़ी फ़ाइलों को बहुत ही आसानी से शेयर करता था।

पीयर टू पीयर नेटवर्क कैसे काम करते हैं? – P2P Network Working in Hindi

पीयर टू पीयर नेटवर्क को सेंट्रल सर्वर के बिना दो नोड्स के बीच सीधे संचार और डेटा ट्रांसफर करने की अनुमती देता है।

पीयर टू पीयर नेटवर्क में प्रत्येक नोड क्लाइंट और सर्वर के रूप में कार्य करते है, जो नेटवर्क की efficiency और flexibility का काम करता है।

पीयर-टू-पीयर नेटवर्क एक यूजर को दूसरे यूजर से यूजर इंटरनेट कनेक्शन की सहायता से जोड़ता है।

 जब कोई यूजर किसी भी फ़ाइल या इंफॉर्मेशन को अपलोड या डाउनलोड करता है तो इसमे सेंट्रल सर्वर ना होने की वजह से पीयर-टू-पीयर नेटवर्क उस यूजर को सीधे दूसरे यूजर के साथ जोड़ता है जिससे वह यूजर किसी भी फ़ाइल या इंफॉर्मेशन को बहुत ही आसानी से अपलोड या डाउनलोड कर लेता है।

और इसके अलावा जब कोई यूजर पी2पी नेटवर्क से किसी भी फ़ाइल को डाउनलोड करना चाहता है, तो पी2पी नेटवर्क उस फ़ाइल को होस्ट करने वाले नोड्स के IP Address का पता लगाने के लिए पहले DHT से संपर्क करता हैं और फिर इसके बाद यूजर बिना किसी सेंट्रल सर्वर के सीधे उन नोड्स से फ़ाइल को डाउनलोड कर सकता है।

पीयर टू पीयर नेटवर्क के उदाहरण – Peer to Peer (P2P) Network Example

भारत में P2P नेटवर्क के उदाहरण लेंडबॉक्स, फेयरसेंट, फिनजी, लेंडिंगकार्ट हैं और साथ ही YouTube भी एक Hybrid P2P network का उदाहरण है।

1- Torrent (टोरेंट) –  इसमें यूजर फ़ाइलों को अपलोड और डाउनलोड करते हैं।

2- Chatting application (चैटिंग एप्लीकेशन)- चैट एप्लीकेशन जैसे- फेसबुक और WhatsApp आदि पीयर टू पीयर नेटवर्क का प्रयोग करते है।

3- Bitcoin (बिटकॉइन)- बिटकॉइन में डिसेंट्रलाइजेशन के लिये P2P network का इस्तेमाल किया जाता है।

पीयर टू पीयर नेटवर्क के प्रकार – Types of Peer to Peer (P2P) Network in Hindi

Peer to Peer (P2P) Network निम्नलिखित 3 प्रकार के होते है:

  1. अनस्ट्रक्चरड पीयर टू पीयर नेटवर्क (Unstructured P2P networks)
  2. स्ट्रक्चरड पीयर टू पीयर नेटवर्क (Structured P2P Network)
  3. हाइब्रिड पीयर टू पीयर नेटवर्क (Hybrid P2P Network)

1). अनस्ट्रक्चरड पीयर टू पीयर नेटवर्क

इस प्रकार के नेटवर्क के पास अपना कोई भी central authority निर्देशक नहीं होता है। और इस प्रकार के नेटवर्क का कोई भी एक Fix स्ट्रक्चर नहीं होता है इसलिए इसमें किसी भी नये कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर से जुड़ने में बहुत दिक्कत होती है।

इसमे एक कंप्यूटर दूसरे कंप्यूटर से कभी भी कनेक्ट और डिस्कनेक्ट हो सकता है और इस प्रकार के इस नेटवर्क को बनाना बहुत ही आसान होता है।

2) स्ट्रक्चरड पीयर टू पीयर नेटवर्क

इन नेटवर्कों में central directory होती है जो नेटवर्क पर फ़ाइलों के ट्रांसफर पर नज़र रखती है। साथ ही यह नेटवर्क का एक स्ट्रक्चर Form होता है जिससे हम इसमे किसी भी नये कंप्यूटर को किसी दूसरे कंप्यूटर  से आसानी से जोड़ सकते है।

इस प्रकार के नेटवर्क मे यूजर उन फ़ाइलों को आसानी से ढूंढ लेता है जिन्हें वो ढूंढना चाहते हैं, और इस प्रकार का नेटवर्क, नेटवर्क को अधिक केंद्रीकृत भी बनाता है साथ ही इस नेटवर्क को बड़ी मात्रा में डेटा को share करने के लिए बनाया गया है।

3). हाइब्रिड पीयर टू पीयर नेटवर्क

हाइब्रिड पीयर टू पीयर नेटवर्क Unstructured P2P network और Structured P2P network से मिलकर बना एक नेटवर्क होता है। इसमे उपर बताये गये दोनो नेटवर्कों की विशेषताएं शामिल होती हैं।

Peer to Peer नेटवर्क के लाभ – Advantages of Peer to Peer network in Hindi

पी2पी नेटवर्क लाभ निम्नलिखित हैं जिन्होंने विभिन्न उद्योगों में अपना बहुत ही योगदान दिया हुआ है। आइए पी2पी नेटवर्क के फायदो के बारे मे जानते है:

  • इसका उपयोग करना बहुत ही आसान है।
  •  इसको मैनेज करना भी आसान है।
  • इसमें किसी सेंट्रल सर्वर की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
  • इसमे पारंपरिक क्लाइंट-सर्वर नेटवर्क की तुलना में अधिक सुरक्षित होते हैं।
  • इसमें सभी कंप्यूटर सर्वर की तरह ही काम करते है इसलिए हमें किसी सेंट्रल सर्वर को खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
  • इसमे हम अपने Data को भारी मात्रा में और आसानी से ट्रांसफर कर सकते हैं।
  •  इस नेटवर्क में अगर कोई एक कंप्यूटर ख़राब हो जाता है तो उसका असर दूसरे कंप्यूटर पर नहीं पड़ता।
  • इसमे पूरे नेटवर्क को मैनेज करने के लिए किसी मैनेजर की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि इसमें प्रत्येक यूजर अपने कंप्यूटर को खुद मैनेज करता है।

Peer to Peer नेटवर्क के नुकसान – Disadvantages of Peer to Peer network in Hindi

वैसे तो पी2पी नेटवर्क बहुत ही महत्वपूर्ण लाभ हैं, जिनसे हमे कोई नुकसान नहीं हैं, लेकिन इसके अलावा इसके कुछ नुकसान भी है जिनके बारे मे हम लोग जान लेते है:

  • पी2पी नेटवर्क पर फ़ाइल ट्रांसफर करने की Limit अलग-अलग देशों में अलग-अलग होती है।
  • पी2पी नेटवर्क पारंपरिक क्लाइंट-सर्वर नेटवर्क की तुलना में धीमे भी होते है जब हम कोई बड़ी फ़ाइल ट्रांसफर करते है।
  • P2P नेटवर्क ज्यादा सुरक्षित नहीं होते है इसलिए हैकर इसको आसानी से hack कर सकते हैं।
  • इसमें कोई सेंट्रल सर्वर नहीं होता है इसलिए हम अपने डेटा का बैकअप भी नहीं ले सकते है।

पीयर टू पीयर नेटवर्क के उपयोग – Applications of Peer to Peer Networks in Hindi

  • File Sharing और Torrenting मे।
  • Content Distribution और Streaming मे।
  • Cryptocurrencies और Blockchain मे।
  • Collaborative Computing और Distributed Processing मे।
  • Online Gaming और Virtual Reality मे।

पीयर टू पीयर नेटवर्क का भविष्य – Future of Peer to Peer Network in Hindi

दोस्तो जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकस होत जा रहा है, वैसे-वैसे पी2पी नेटवर्क भी विकसित होता जा रहा हैं। इस लिये इसका उपयोग भविष्य मे काफी जगह किया जाने वाला है तो आइए जानते है की पी2पी नेटवर्क का उपयोग भविष्य मे कहा कहा किया जाने वाला है:

  1. Integration और Internet of Things (IoT) में।
  2. P2P और 5G Networks में।
  3. Decentralized Cloud Storage Solutions में।
  4. AI और P2P Collaboration में।
  5. Interplanetary P2P Communication में।

Peer to Peer नेटवर्क और क्लाइंट सर्वर नेटवर्क के बीच अंतर – Difference between Peer to Peer network and Client server network in Hindi

FeatureP2P NetworkClient-Server Network
CentralizationDecentralizedCentralized
Resource sharingइसमे सभी नोड संसाधन साझा कर सकते हैं।इसमे केवल सर्वर ही संसाधन साझा कर सकते हैं।
Fault toleranceज्यादा fault-tolerantकम fault-tolerant
Securityज्यादा secureकम secure
Performanceबड़ी फाइलों के लिए धीमा होता है।ज्यादा consistent performance
Costकम costज्यादा cost
ApplicationsFile sharing, streaming media और distributed computingWeb browsing, email और file sharing

P2P क्या है और यह कैसे काम करता है?

Peer to Peer (P2P) नेटवर्क क्या है? पीयर टु पीयर भी कंप्यूटर नेटवर्क का एक प्रकार होता है, जिसमे जुड़े सभी कंप्यूटर (जिन्हे मोड कहा जता है) ये सभी एक सर्वर की तरह काम करते है। ये सभी सर्वर होने के साथ साथ क्लाइंट्स के रूप में भी कार्य कर सकते है। इस नेटवर्क में में जुडे सभी कंप्यूटर आपस मे डाटा भेजने और प्राप्त करने की क्षमता रखते है।

ब्लॉकचेन में पीयर टू पीयर नेटवर्क – Peer to Peer (P2P) Network in Blockchain in Hindi

आज के समय से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में भी पीयर टू पीयर नेटवर्क का उपयोग किया जा रहा है क्योकी पीयर टू पीयर नेटवर्क भी ब्लॉकचेन की तरह एक चेन के रूप मे काम करता है, जिसमे जुडे सभी कंप्यूटर ही आपस मे कम्युनिकेशन करते है। इसके अलावा बाहर का कोई भी Person इसके बीच मे नही आ सकता।

p2p का उपयोग कहां किया जाता है?

p2p नेटवर्क का उपयोग फ़ाइल साझाकरण के लिए किया जाता है। इसमे सभी यूज़र केंद्रीकृत सर्वर के बिना ही आपस मे बहुत ही आसानी से फ़ाइलें साझा कर सकते है और इसमे यूज़र बैंडविड्थ और सर्वर क्षमता की चिंता किए बिना किसी भी बड़ी फ़ाइलें भी भी तुरंत भेज सकता हैं।

पीयर टू पीयर प्रोसेस क्या है उदाहरण सहित समझाइए?

इस नेटवर्क आर्किटेक्चर में सभी कंप्यूटर की जिम्मेदारियाँ और क्षमताएँ समान होती हैं क्योकी इसमे कोई भी केंद्रीय सर्वर नहीं होता है इस लिये इन कंप्यूटर मे फ़ाइलें, प्रिंटर और इंटरनेट एक्सेस साझा करने के लिए आदि के लिये एक-दूसरे से जुड़ते होते हैं। यह पीयर टू पीयर प्रोसेस 12 या उससे कम कंप्यूटरों से मिल कर बना होता है।

पीयर टू पीयर फाइल शेयरिंग कैसे काम करता है?

पीयर टू पीयर फाइल शेयरिंग कंप्यूटरों को फ़ाइलें डाउनलोड करने और उन्हें नेटवर्क पर अन्य यूज़र के लिए उपलब्ध कराने की अनुमति देते हैं। पी2पी उपयोगकर्ता उन ड्राइव और फ़ोल्डरों को निर्दिष्ट कर सकते हैं जिनसे फ़ाइलें साझा की जा सकती हैं।

Peer to Peer (P2P) नेटवर्क का निष्कर्ष (Conclusion)

पीयर-टू-पीयर नेटवर्क एक शक्तिशाली उपकरण है जिसका उपयोग विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए किया जा सकता है। हालाँकि, इनका उपयोग करने से पहले पी2पी नेटवर्क से जुड़ी सुरक्षा और कानूनी चुनौतियों से अवगत होना महत्वपूर्ण है।

दोस्तो मैं उम्मीद करता हूँ कि इस पोस्ट से आपको यह समझने में मदद मिली होगी कि Peer to Peer (P2P) नेटवर्क क्या हैं और वे कैसे काम करते हैं। यदि आपके कोई अन्य प्रश्न हैं, तो कृपया मुझसे कमेंट मे पूछें।
“धन्यवाद”

इसे भी पढ़ें 👉 Social Networking क्या है?
इसे भी पढ़ें 👉 Network Topology क्या है
इसे भी पढ़ें 👉 Computer Network क्या है

Peer to Peer (P2P) नेटवर्क क्या है? से संबंधित (FAQs)

पीयर टू पीयर नेटवर्क क्या है?

पीयर टू पीयर नेटवर्क, जिसे हम लोग पी2पी नेटवर्क के रूप में भी जानते है, यह एक विकेन्द्रीकृत नेटवर्क आर्किटेक्चर होता है जहां पर प्रत्येक कंप्यूटर (जिसे नोड कहा जाता है) ये सब क्लाइंट और सर्वर के रूप में काम करते है।

पीयर टू पीयर नेटवर्क का उपयोग किस लिए किया जाता है?

पीयर टू पीयर नेटवर्क बड़े स्केल पर फाइल शेयरिंग, ऑनलाइन गेमिंग, डॉक्यूमेंट साझा करने, डिवाइसों के बीच संचार, और डेटा सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें नेटवर्क के एक खराब होने पर भी बाकी पीयर्स अपने काम कर सकते हैं।

p2p नेटवर्क का अर्थ क्या है?

एक पीयर-टू-पीयर (पी2पी) नेटवर्क एक संचार मॉडल है जिसमें नेटवर्क पर प्रत्येक कंप्यूटिंग डिवाइस सर्वर या क्लाइंट के रूप में कार्य कर सकता है।

पीयर टू पीयर नेटवर्क को सरल शब्दों में क्या कहते हैं?

अपने सरलतम रूप में, एक पीयर-टू-पीयर (पी2पी) नेटवर्क

पीयर टू पीयर नेटवर्क का आविष्कार किसने किया था?

पी2पी फ़ाइल साझाकरण को आम जनता के लिए 1999 में पेश किया गया था जब अमेरिकी कॉलेज के छात्र शॉन फैनिंग ने संगीत-साझाकरण सेवा नैप्स्टर बनाई थी। इसने एक केंद्रीकृत इंडेक्स सर्वर को नियोजित किया, जिसे उपयोगकर्ता गीत शीर्षक या कलाकार के नाम के आधार पर खोजेंगे।

पीयर टू पीयर शेयरिंग कब शुरू हुई?

जून 1999 – शॉन फैनिंग द्वारा नैप्स्टर बनाया गया। नैप्स्टर उपयोगकर्ताओं को सभी उपयोगकर्ताओं के शेयरों में खोज करने देता है। नैप्स्टर ने एक केंद्रीकृत सर्वर प्रदान किया जो फ़ाइलों को अनुक्रमित करता था, और खोज करता था। हालाँकि, अलग-अलग फ़ाइलें होस्ट के कंप्यूटर पर रहती हैं और सीधे एक सहकर्मी से दूसरे में स्थानांतरित की जाती हैं।

पीयर-टू-पीयर नेटवर्क के कुछ उदाहरण क्या हैं?

पीयर-टू-पीयर नेटवर्क के कुछ उदाहरणों में शामिल हैं:
BitTorrent
Gnutella
LimeWire
eMule
Kazaa

कुछ लोकप्रिय एप्लिकेशन कौन से हैं जो पीयर-टू-पीयर नेटवर्क का उपयोग करते हैं?

File sharing
Streaming media
Gaming
Distributed computing

पीयर-टू-पीयर नेटवर्क का भविष्य क्या है?

पीयर-टू-पीयर नेटवर्क का उपयोग भविष्य मे इन सभी जगह भी किया जा सकता है:
1). Decentralized social networks
2). Decentralized finance
3). Decentralized applications

Peer to Peer नेटवर्क क्या है? ॥ P2P नेटवर्क क्या है? – Peer to Peer Network in Hindi

Leave a Comment

close button