{2k23} Transmission Mode के प्रकार

किसी भी कंप्यूटर नेटवर्क में तीन प्रकार के ट्रांसमिशन मोड हेते है। (1). सिंपलेक्स मोड (2). हॉफ डुप्लेक्स मोड (3). फुल डुप्लेक्स मोड

इन तीनो को हमने आपको पूरी details के साथ नीचे बताया हुआ है, जिसमे हमने आपको इनकी परिभाषा, के साथ इनके उदाहरण और फायदे और नुकसान भी बताये हुये हैं:

Transmission Mode क्या है?

ट्रांसमिशन मोड एक येसी Technique है जिसमे Deta को एक दिशा से दूसरे दिशा मे भेजा जाता है। ट्रांसमिशन मोड को data communication या directional mode भी कहा जाता है।

डायरेक्शन के आधार पर डाटा ट्रांसमिशन मोड 3 प्रकार के होते हैं

  • Simplex Mode
  • Half-duplex Mode
  • Full-duplex Mode
Transmission modeDirection of data flowExample
SimplexOne-wayRemote control car
Half-duplexTwo-way, but only one device can transmit at a timeWalkie-talkie
Full-duplexTwo-way, both devices can transmit and receive data simultaneouslyEthernet network

Transmission Mode के प्रकार?

Transmission mode निम्न्लिखित तीन प्रकार के होते है:

  • सिंपलेक्स मोड (Simplex mode)
  • हॉफ डुप्लेक्स मोड (Half duplex Mode)
  • फुल डुप्लेक्स मोड (Full duplex Mode)
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(1) सिम्प्लेक्स मोड (Simplex mode)

Simplex mode में, Data केवल एक ही दिशा में भेजा जा सकता है। इंसमे पहले एक device डेटा को भेजता है, और फिर दूसरा device केवल Data को Accept करता है। अधिक्तर सिम्प्लेक्स मोड का उपयोग उन applications में किया जाता है जिसमे केवल unidirectional communication की आवश्यकता होती है।
उदाहरण के लिए: रिमोट कंट्रोल सिस्टम या सेंसर नेटवर्क

उदाहरण: सिंप्लेक्स मोड का उपयोग रिमोट कंट्रोल कार मे रिमोट के द्वारा कंट्रोल कमांड भेजे जाते है। इसमे रिमोट कंट्रोल के द्वारा हम लोग केवल कार को कमांड भेज सकते है, और कार सिर्फ उन कमांड को Accept करने का करती है।

सिम्प्लेक्स मोड के लाभ:

  • इसमे केवल एक ही दिशा में डेटा भेजने का एक सरल और सस्ता तरीका है।
  • यह डेटा भेजने का एक विश्वसनीय तरीका है, क्योंकि इसमें डेटा collisions टूटने की कोई भी संभावना नहीं रहती।

सिम्प्लेक्स मोड के नुकसान:

  • इसका उपयोग केवल दिशा में डेटा भेजने के लिए किया जा सकता है।
  • यह हाफ-डुप्लेक्स मोड  या फुल-डुप्लेक्स मोड जितना अच्छा नहीं है, क्योंकि इंसमे डेटा को एक समय में केवल एक ही दिशा में भेजा जा सकता है।

(2). हॉफ डुप्लेक्स मोड (Half duplex Mode)

हाफ-डुप्लेक्स मोड में, किसी भी डेटा को दोनों दिशाओं में भेजा जा सकता है, लेकिन इसमे एक समय में पहले एक डिवाइस डेटा की भेजेगी और दूसरी डिवाइस उस डेटा को Accept करेगी और फिर उसके बाद दूसरी डिवाइस अपना डेटा भेजेगी।

इसका मतलब यह है कि इसमे दोनों डिवाइसों को बारी-बारी से अपने डेटा को भेजना होगा। इसका उपयोग अक्सर उन applications में किया जाता है। जहां पर दोनो दिशा से डेटा ट्रांसफर किया जाता है, लेकिन वहा पर जहां भेजे गये डेटा की मात्रा बहुत अधिक ना हो।
उदाहरण के लिए: पॉइंट-टू-पॉइंट सीरियल संचार में।

उदाहरण: आपने फिल्मो मे वॉकी-टॉकी को तो देखा ही होगा वॉकी-टॉकी मे दो लोगों के बीच बात चीत करने और अपना अपना डेटा भेजने के लिए हाफ-डुप्लेक्स मोड का उपयोग किया जाता है। इसमे पहले एक व्यक्ति बोलता है, और दूसरा व्यक्ति उसे सुनता है, और जब वह चुप हो जाता है तब दूसरा व्यक्ति बोलता है।

हॉफ डुप्लेक्स मोड के लाभ:

  • हाफ-डुप्लेक्स मोड, सिंप्लेक्स मोड की तुलना में डेटा ट्रांसफर करने का अच्छा तरीका है, क्योंकि इसमे डेटा को दोनों दिशाओं में भेजा जा सकता है।
  • यह डेटा भेजने का एक विश्वसनीय तरीका है, क्योंकि इसमें डेटा collisions टूटने की कोई भी संभावना नहीं रहती।

हॉफ डुप्लेक्स मोड नुकसान:

  • इसका उपयोग केवल दोनो दिशाओ मे डेटा संचार के लिए किया जा सकता है।
  • यह फुल-डुप्लेक्स मोड की तुलना ज्यादा अच्छा नहीं है, क्योकी यह फुल-डुप्लेक्स मोड की तुलना धीमा काम करता है, क्योंकि इसमे दोनों डिवाइस बारी-बारी से काम करती है।

(3). फुल डुप्लेक्स मोड (Full duplex Mode)

फुल-डुप्लेक्स मोड उपर बताये गये सिम्प्लेक्स मोड और हॉफ डुप्लेक्स मोड से काफी ज्यादा अच्छा होता है क्योकी इसमें, डेटा को बहुत ही आसानी से साथ दोनों दिशाओं में भेजा जा सकता है।

इसका मतलब होता है कि इसमे दोनों डिवाइस एक ही समय में डेटा को भेज और प्राप्त कर सकती हैं। फुल-डुप्लेक्स मोड का उपयोग हम लोग उन applications में करते है जिसमे बहुत ही तेजी से दोनो दिशाओ मे डेटा को भेजने की आवश्यकता पड़ती है।
उदाहरण के लिए: ईथरनेट नेटवर्क या फिर VoIP applications में।

उदाहरण: सभी ईथरनेट नेटवर्क दो कंप्यूटरों के बीच किसी भी डेटा भेजने के लिए फुल-डुप्लेक्स मोड का उपयोग करते है। इसमे दोनों कंप्यूटर एक ही समय में डेटा भेज और प्राप्त कर सकते हैं, जो उच्च गति डेटा स्थानांतरण की अनुमति देता है।

फुल डुप्लेक्स मोड के लाभ:

  • यह डेटा संचारित करने का सबसे अच्छा तरीका है।
  • इसमे डेटा को एक साथ दोनो दिशाओ मे भेजा जा सकता है।
  • यह डेटा भेजने का सबसे ज्यादा विश्वसनीय तरीका है, क्योंकि इसमें डेटा collisions टूटने की कोई भी संभावना नहीं रहती।

फुल डुप्लेक्स मोड नुकसान:

  • फुल-डुप्लेक्स मोड सिंप्लेक्स या हाफ-डुप्लेक्स मोड की तुलना में उपयोग करने मे सबसे ज्यदा जटिल और महंगा है।

निष्कर्ष (conclusion)

वैसे तो फुल डुप्लेक्स मोड डेटा transfer करने का सबसे अच्छा तरीका है। लेकिन इसे उपयोग मे लना काफी ज्यदा महंगा भी है। हाफ-डुप्लेक्स मोड Simple और अच्छा भी है, जबकि सिंप्लेक्स मोड सबसे सरल और सबसे सस्ता है।

FAQs

ट्रांसमिशन मोड क्या है?

ट्रांसमिशन मोड एक येसी Technique है जिसमे Deta को एक दिशा से दूसरे दिशा मे भेजा जाता है। ट्रांसमिशन मोड को data communication या directional mode भी कहा जाता है। ट्रांसमिशन मोड निम्न्लिखित 3 प्रकार के हेते है (1). सिंपलेक्स मोड (2). हॉफ डुप्लेक्स मोड (3). फुल डुप्लेक्स मोड

ट्रांसमिशन मोड कितने प्रकार के होते हैं?

ट्रांसमिशन मोड निम्न्लिखित 3 प्रकार के हेते है (1). सिंपलेक्स मोड (2). हॉफ डुप्लेक्स मोड (3). फुल डुप्लेक्स मोड

ट्रांसमिशन मोड के प्रकार

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